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मुक्केबाज स्वीटी ने क्यों किसानों को समर्पित किया चैंपियनशिप का पदक?

     काला कानून, कितना काला!

                   किसान आंदोलन की                      परीक्षा एवं सफलताएं


                                    Boxer
 Saweety Boora 

                                          Photo Courtesy: merisaheli.com

 किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली की सीमाओं सहित देश के कोने-कोने में तीन कृषि सम्बन्धी कानूनों के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन और धरने जारी हैं, उसी तरह शासकों के साथ-साथ प्रकृति द्वारा भी उसकी परीक्षाएँ जारी हैं। मुसीबतों और अड़चनों के बावजूद धैर्य और दृढ़ता से किसान इनका सामना कर रहे हैं!

संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन के क्रम में शाहजहांपुर बॉर्डर को भयंकर तूफान का सामना करना पड़ा। इस तूफान के कारण बड़े पैमाने पर किसानों के टेंट, मंच, लंगर एवं अन्य सामान का नुकसान हुआ। किसानों के टेंट पूरी तरह उखड़ गए। जब किसानों ने स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की तो उन्हें गंभीर चोटें भी आई। संयुक्त किसान मोर्चा ने समाज कल्याण के संगठनों और आम जन से निवेदन किया है कि शाहजहांपुर बॉर्डर पर हर संभव मदद पहुंचाई जाए ताकि वहां पर धरना दे रहे किसानों को कोई भी दिक्कत ना हो।

इधर अपने मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ शब्द किसानों और कृषि के बारे में कहे। प्रधानमंत्री तीन कृषि कानूनों और सभी फसलों पर सभी किसानों को उचित एमएसपी की गारंटी के सवाल पर चुप रहे। सरकार के नुमाइंदे सांकेतिक रूप में एक-दो फसलों के बारे में बात कर रिकॉर्ड व ऐतिहासिक बता कर मीडिया में सुर्खियां बटोर लेते है परंतु असल मायनों में सभी फसलों और सभी किसानों की बात नहीं करते। संयुक्त किसान मोर्चा समझता है कि तीनों कृषि कानून सम्पूर्ण देश के किसान और आमजन के खिलाफ है और संपूर्ण देश के किसानों को प्रभावित करेंगे। प्रधानमंत्रीजी ने भी सिर्फ सरसों की खरीद के बारे में बात कर फिर वही रवैया दोहराया है जिसमें सरकार किसानों की मांग पर सुने बगैर अपने मन की ही बात करती है। मोर्चा ने सरकार से अपील किया है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में देश के किसानों की उचित मांगों पर विचार करना चाहिए। 

काला कानून, कितना काला!

भारतीय मुक्केबाज स्वीटी बूरा ने हाल ही में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है। उन्होंने घोषणा की है कि उनका यह पदक किसानों को समर्पित है एवं शहीद किसानों को श्रद्धांजलि है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि जल्द से जल्द किसानों से बातचीत कर उनकी मांगे मानी जाएं।

किसानों का लगातार दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचना जारी है। अब रोहतक से भी किसानों का बड़ा जत्था अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में टिकरी बॉर्डर पर पहुंचा। ठीक इसी तरह सिंघु बॉर्डर पर भी सैकड़ों की संख्या में किसान धरने पर पहुंचे।

प्रेस-विज्ञप्ति जारीकर्ता:

बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़ ।  -संयुक्त किसान मोर्चा

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