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Corona_Times: Study_Help

#Corona_Times Study_Help : #कोरोना_टाइम्स का यह पटल विद्यार्थियों और हिंदी साहित्य में अभिरुचि रखने वाले आम जनों की जिज्ञासाओं को प्रशमित करने, उनके महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने, साहित्याधारित समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से बनाया गया है!...       कृपया अपने सवालों और समस्याओं को नीचे टिप्पणी बॉक्स (Enter Your Comment) में लिखे!  **********************************************                   अप्रतिम साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन आज देश के एक महान साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन का जन्मदिन है ! 9 अप्रैल 1893 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के पंदहा गांव (-ननिहाल, कनैला- पैतृक गांव) में जन्मे राहुल सांकृत्यायन का व्यक्तित्व बहु आयामी था। उन्होंने बहुत कुछ और विविध विषयों पर लिखा है। अनेक देशों का भ्रमण किया, रहे। वहां के बारे में लिखा। 'वोल्गा से गंगा' के अलावा बहुत कुछ वैश्विक-भारतीय संस्कृति से परिचय कराने के लिए लिखा। 'दिमागी गुलामी' दिखाई तो विकृतियों पर आक्रोश व्यक्त करते हुए 'तुम्हारी क्षय' जैसी पुस्तिका लि...

शिक्षक-दिवस पर सम्मान का ढोंग

शिक्षक-दिवस?... क्या शिक्षक-दिवस?                        प्राथमिक शिक्षा और उसके                  शिक्षकों की व्यथा-कथा ! पिछले कुछ वर्षों से शिक्षकों से ही नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति शासक वर्ग का जो रवैया दिखाई दिया है, वह शिक्षकों को सम्मानित करने, शिक्षा को समाजोपयोगी बनाने का नहीं पूँजीपतियों की सेवा करने का रहा है। ऐसे में 5 सितंबर को अपने अग्रणी शिक्षक, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करना शिक्षकों में एक ऐसी भावानुभूति पैदा करता है जिसमें उनकी स्मृतियों के प्रति सम्मान का अतिरेक तो वर्तमान शिक्षा के यथार्थ के प्रति गहरे क्षोभ की अभिव्यक्ति होती है।          पांच सितम्बर, 2019 को पूरे उत्तर प्रदेश के शिक्षक 'प्रेरणा ऐप' को दुष्प्रेरणा ऐब यानी बुरी नीयत से जबरन सेल्फी-प्रशासन लागू करने की कोशिश मानते हुए विरोध-प्रदर्शन एवं धरने पर गए!  शिक्षकों का कहना था कि तथाकथित 'प्रेरणा' ऐप अमेरिकी सर्वर द्वारा संचालित एक ऐसा असुरक्षित ऐप ह...

कोई सवाल न उठाएं..

                          समय आ गया है...                                                               - अशोक प्रकाश   समय आ गया है कि हम पहले ताली बजायें फिर अपनी पीठ थपथपाएँ कि... 'आपके अवशेष और वेतन भुगतान हेतु स्वीकृत बजट विधान सभा और विधान परिषद में प्रस्तुत कर दिया गया है... और जल्दी ही दोनों जगहों से पारित हो जाएगा।...' कि आपकी #पुरानी_पेंशन की मांग जल्द पूरी हो जाएगी... इसलिये जरूरी है कि हम इस पर कोई सवाल न उठाएं सिर्फ़ ताली बजायें मसलन... घोषणाओं को मिल गया, मिल गया- बतायें क्या-क्या नहीं मिला या चला गया... - ऐसे सवाल नहीं उठाएं... नीला, हरा होते हुए जो #भगवा हो गया है उसकी विजय-पताका फहरायें इसे शिक्षक समुदाय की बहुत बड़ी जीत बताएं जोर-जोर से चिल्लाएं! उसे विधानसभा या संसद पहुंचाने का जश्न मनायें अभी से माला पहनाएं! समय आ गया है उसे नेता बनाएं...