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नागपुर जंक्शन-दो दुनिया के लोग

          नागपुर जंक्शन!..  आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजधानी या कहिए हेड क्वार्टर!..डॉ भीमराव आंबेडकर की दीक्षाभूमि! अम्बेडकरवादियों की प्रेरणा-भूमि!  दो विचारधाराओं, दो तरह के संघर्षों की प्रयोग-दीक्षा का चर्चित स्थान!.. यहाँ दो व्यक्तियों को एक स्थान पर एक जैसा बन जाने का दृश्य है। दोनों बहुत कुछ अलग।  इन दोनों को आज़ादी के बाद से किसने कितना अलग बनाया, आपके विचारने के लिए है।  अमीर वर्ग, एक पूँजीवादी विचारधारा दूसरे गरीबवर्ग, शोषित की मेहनत को अपने मुनाफ़े के लिए इस्तेमाल करती है तो भी उसे क्या मिल जाता है?..  आख़िर, प्रकृति तो एक दिन दोनों को एक ही जगह पहुँचा देती है!... आप क्या सोचते हैं? ..  

ऋषि सुनक अलग काम क्या करेंगे?..

              आर्थिक मंदी  यूक्रेन-रूस युद्ध और            ब्रिटिश पीएम लिज ट्रस का पद छोड़ना                                          -- जयप्रकाश नारायण वित्तीय पूंजी का असाध्य संकट शुरू हो चुका है । 2008 से शुरू हुई आर्थिक मंदी ने स्थायित्व ग्रहण कर लिया है । जिसका असर आर्थिक और राजनीतिक संकट के‌ रूप में दिखने लगा है।   ब्रिटेन की 46 दिनी प्रधानमंत्री का इस्तीफा इस बात की स्वीकारोक्ति है कि संकट का समाधान पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के दायरे में संभव नहीं है। स्वयं प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने त्यागपत्र देते हुए कहा की वर्तमान स्थितियों में जिन वादों के लिए मैं चुनी गई थी उनके समाधान का रास्ता दिखाई न देने कारण मैं इस्तीफा दे रही हूं।  कम से कम ब्रितानी लोकतंत्र के प्रधानमंत्री में इतनी नैतिक शक्ति शेष है कि वह व्यवस्था जन्म कमजोरियों को स्वीकार कर सकें।  ब्रिटिश संसद में विपक्ष के नेता जेरेमी कोरबिन ने कहा कि अगर हम (पूंजीवाद) नीतिगत प्राथमिकता नहीं बदलते तो समय-समय पर आर्थिक संकट आते रहेगें । आगे उन्होंने कहा कि हमें अपनी" नीतियां कुछ लोगों के लिए नहीं बहुमत के लिए" बनानी चाहिए