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विद्यार्थी, ऑनलाइन पढाई और सोशल मीडिया

                      सोशल मीडिया:               साहित्य और  सामाजिक-चेतना                                                   साहित्य और समाज का सम्बंध  चर्चा का एक पुराना विषय है! लेकिन समाज का दुर्भाग्य कहें कि साहित्य का, यह विषय आज भी जीवंत है और समाज का एक बड़ा हिस्सा साहित्य को 'मनोरंजन की चीज' से अधिक और कुछ नहीं मानता। शायद इसीलिए समाज में बहुत कम लोग हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल साहित्य अध्ययन के लिए करते हैं। ज़्यादातर के लिए तो सोशल मीडिया मनोरंजन का एक साधन भर है। इसी कारण जब कोई गंभीर साहित्यिक चर्चा होती है, अधिक लोग उससे नहीं जुड़ते। विशेषकर यूट्यूब और फेसबुक का इस्तेमाल तो गप्पों और भौंडे मनोरंजन के लिए ही अधिक होता है। लेकिन जैसे साहित्य का समाज की चेतना के लिए उपयोग होता है, वैसे ही सोशल मीडिया का भी विद्याध्ययन और सामाजिक चेतना के विकास के लिए उपयोग किया जा सकता है।                 इसे दुर्भाग्य कहें या सौभाग्य, ऑनलाइन पढाई के इस दौर में ऑफलाइन या अध्ययन-केंद्रों में जाकर अध्ययन का दायरा अब सिकुड़ता जा रहा है। उच्च अध्ययन के लिए भी लोग अब इंटरनेट पर ब्