हम जीतेंगे, लाज़िम है कि हम ही जीतेंगे! जी, हाँ!..किसान आंदोलन की कुर्बानियों और संघर्षों से यही संकेत मिल रहे हैं! उतार-चढ़ाव हैं, साजिशें हैं, कमजोरियाँ भी हैं- लेकिन किसान आंदोलन जीतेगा, हर हाल में जीतेगा। क्योंकि यह किसी एक-दो नेता या संगठन का आंदोलन नहीं है। यह पूरे हिंदुस्तान के किसानों की आत्मा का अभिव्यक्ति है। कॉरपोरेट लूट के खिलाफ़ उभर रहे आक्रोश की अभिव्यक्ति है। लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड करवाकर शासकों ने सोचा होगा कि वे बड़ा तीर मार रहे हैं, किसानों को डरा देंगे। लेकिन उनका दाँव उल्टा पड़ रहा है। यहाँ तक कि कोई 'समझौता' भी आंदोलन की चिंगारी को बुझाने में सक्षम नहीं।... संयुक्त किसान मोर्चा की यह प्रेस-विज्ञप्ति पढ़िए!.. आप और विश्वास करेंगे कि हर हाल में किसान आंदोलन जीतेगा! " संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खेरी किसान हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरोपियों के बचाव से चिंतित हैं - यह य...
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.