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किसान आंदोलन: 'हम जीतेंगे...'

                             हम जीतेंगे, 

               लाज़िम है कि हम ही जीतेंगे!


जी, हाँ!..किसान आंदोलन की कुर्बानियों और संघर्षों से यही संकेत मिल रहे हैं! उतार-चढ़ाव हैं, साजिशें हैं, कमजोरियाँ भी हैं- लेकिन किसान आंदोलन जीतेगा, हर हाल में जीतेगा। क्योंकि यह किसी एक-दो नेता या संगठन का आंदोलन नहीं है। यह पूरे हिंदुस्तान के किसानों की आत्मा का अभिव्यक्ति है। कॉरपोरेट लूट के खिलाफ़ उभर रहे आक्रोश की अभिव्यक्ति है। लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड करवाकर शासकों ने सोचा होगा कि वे बड़ा तीर मार रहे हैं, किसानों को डरा देंगे। लेकिन उनका दाँव उल्टा पड़ रहा है। यहाँ तक कि कोई 'समझौता' भी आंदोलन की चिंगारी को बुझाने में सक्षम नहीं।... 

संयुक्त किसान मोर्चा की यह प्रेस-विज्ञप्ति पढ़िए!.. आप और विश्वास करेंगे कि हर हाल में किसान आंदोलन जीतेगा!

 "  संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खेरी किसान हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरोपियों के बचाव से चिंतित हैं - यह योगी और मोदी सरकारों से अनपेक्षित नहीं है और हमें फिर सही साबित करता है: एसकेएम - यूपी सरकार की ओर से हरीश साल्वे भी कहते हैं कि आरोप सच है, और यह कि "आज और कल के बीच कमियों को पूरा कर लिया जाएगा" - "अब यह कहा जा रहा है कि आशीष मिश्रा अपराध शाखा कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए क्योंकि वह अस्वस्थ थे, जब मंत्री और उनके बेटे को अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि जब किसी को बुलाया जाता है तो इसमें क्या प्रक्रियाएं शामिल होती हैं"- एसकेएम

रचे गए आपराधिक षडयंत्र के अलावा आरोपी को पनाह देने, शत्रुता और द्वेष को बढ़ावा देने, और हत्या के आरोप में अजय मिश्रा टेनी को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए, और केंद्र सरकार से बर्खास्त किया जाना चाहिए - अजय मिश्रा, आशीष मिश्रा, सुमित जायसवाल, अंकित दास और अन्य साथियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

एसकेएम ने 6 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग की जांच और यूपी सरकार की एसआईटी को भी खारिज कर दिया - एसकेएम ने जांच की मांग की जो सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करें - एसकेएम ने किसानों और उनके समर्थकों से 12 अक्टूबर को _लखीमपुर खेरी (तिकोनिया) में अंतिम अरदास_ में शामिल होने की अपील की - 18 अक्टूबर को एक अखिल भारतीय रेल रोको सहित, वहां से सिलसिलेवार कारवाई की जाएंगी।

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने माफी मांगी और किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले अपने बयान वापस लिए - एसकेएम हरियाणा का कहना है कि यह किसान आंदोलन की जीत है।

संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खेरी किसान हत्याकांड में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा आरोपियों को संरक्षण दिए जाने से चिंतित है। एसकेएम ने कहा कि यह हमेशा स्पष्ट चिंता का विषय था कि अगर यूपी की योगी सरकार पर छोड़ दिया जाता तो न्याय से समझौता करना होता और जब तक अजय मिश्रा टेनी मोदी सरकार में मंत्री बने रहेंगे तब यह सच और साबित होता रहेगा। मंत्री का बेटा आज सुबह अपराध शाखा कार्यालय में पेश नहीं हुआ। लेकिन यह तथ्य कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि कल उनसे पूछताछ की जाएगी, इसे आशीष मिश्रा के ठिकाने के बारे में आंतरिक जानकारी माना जा सकता है, और यह एक साफ संकेत है, एसकेएम ने कहा। अब कहा जा रहा है कि अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने उपस्थिति नहीं दी।

एसकेएम ने बताया कि अन्य व्यक्तियों जिन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था - जैसे सुमित जायसवाल और अंकित दास - को अब तक यूपी सरकार ने गिरफ्तार नहीं किया है। एसकेएम आज की सुनवाई की रिपोर्टों से समझ गया है कि यूपी सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भी स्वीकार किया है कि (आशीष मिश्रा और सहयोगियों के खिलाफ) आरोप सही हैं । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि "आज और कल के बीच कमी को पूरा किया जाएगा"। एसकेएम एक बार फिर मांग करता है कि आशीष मिश्रा, सुमित जायसवाल, अंकित दास और अन्य को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में अगर 302 केस दर्ज होते हैं, तो पुलिस जाती है और आरोपी को गिरफ्तार करती है।

एसकेएम ने किसानों के खिलाफ साजिश रचने के अलावा दुश्मनी, नफरत और द्वेष को बढ़ावा देने और हत्या के आरोप में मंत्री अजय मिश्रा टेनी को तत्काल बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की भी मांग की है। यह समझ से परे है कि वह मोदी सरकार में मंत्री के रूप में बने रह सकते हैं। एसकेएम ने मांग की कि उसे गिरफ्तार कर तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।

12 अक्टूबर को "शहीद किसान दिवस" ​​के रूप में मनाया जाएगा। एसकेएम ने पूरे उत्तर प्रदेश और भारत के किसानों से 12 अक्टूबर को तिकोनिया में लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में पांच शहीदों की अंतिम अरदास में शामिल होने की अपील की। वहां से मोदी और योगी सरकारों पर दबाव बनाने और किसानों के इस नरसंहार को न्याय दिलाने के लिए सिलसिलेवार कदम उठाए जाएंगे। एसकेएम ने लोगों से 12 अक्टूबर को गुरुद्वारों, मंदिरों, चर्चों, मस्जिदों और किसी भी अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रार्थना सभा और श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की अपील की। एसकेएम की अपील है कि 12 अक्टूबर की शाम को मोम्बत्ति जलूस का आयोजन किया जाए। सभी शांतिप्रिय नागरिकों से आग्रह है कि वे इन मोमबत्तियों की रोशनी में शामिल हों या 5 शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में अपने घरों के बाहर 5 मोमबत्तियां जलाएं। इस दिन, किसान आंदोलन में भाग लेने वाले सभी नागरिक संघर्ष के लिए फिर से प्रतिबद्ध होंगे जब तक कि हम अपनी सभी मांगों को पूरा नहीं कर लेते और यह सुनिश्चित नहीं कर लेते कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाए।

यदि उपरोक्त सभी मांगें (गिरफ्तारी और राज्य मंत्री की बर्खास्तगी के लिए) 11 अक्टूबर तक पूरी नहीं होती हैं, तो एसकेएम 18 अक्टूबर को अखिल भारतीय रेल रोको के आह्वान के साथ आगे बढ़ेगा। रेल रोको 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच रहेगा।

एसकेएम इस बात से निराश है कि इस मामले में न्याय के लंबित मुद्दों के तत्काल समाधान के बिना मामले की अगली सुनवाई अब केवल 20 अक्टूबर को होगी। इसके अलावा, एसकेएम ने यूपी सरकार की जांच के साथ-साथ सीबीआई जांच के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की चिंताओं को नोट किया। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणियों के माध्यम से संकेत दिया था कि इस मामले में शामिल व्यक्तियों के कारण सीबीआई जांच भी समाधान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से इस तरह की तीखी टिप्पणी मिलने के बाद अजय मिश्रा को मंत्री बनाए रखना मोदी सरकार के लिए यह बेहद शर्मनाक है। एसकेएम का कहना है कि वह इस मामले में स्थानीय जांच और सीबीआई जांच दोनों का समाधान नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट से पूरी तरह सहमत है। एसकेएम ने यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी और न्यायिक जांच दोनों को खारिज किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि वह संतुष्ट नहीं है। एसकेएम एक निष्पक्ष जांच की मांग करता है जो सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगी, और कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है जिसमें यूपी पुलिस को सभी सबूतों को बरकरार रखने के लिए कहा गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले अपने बयानों के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि वह अपने बयान वापस ले रहे हैं। उन्होंने कल कैथल में अपना कार्यक्रम भी रद्द कर दिया क्योंकि किसानों ने उनके दौरे और कार्यक्रम में भाग लेने के खिलाफ पहले ही विरोध की घोषणा कर दी थी। एसकेएम हरियाणा इन घटनाक्रमों का स्वागत करता है और इसे किसानों की जीत मानता है। एसकेएम ने यह भी कहा कि मनोहर लाल खट्टर का भाषण जो भाजपा नेताओं की मानसिकता को दर्शाता है, जो किसानों के शांतिपूर्ण विरोध को हिंसक बनाने और उन्हें कुचलने का प्रयास करती है। यह स्पष्ट है कि आंदोलन को कुचलने के पहले के सभी हथकंडे सफल नहीं हुए और भाजपा-आरएसएस की ताकतें अब हिंसक तरीकों से किसानों को कुचलने की कोशिश कर रही हैं। किसान आंदोलन इन गंदी चालों से पूरी तरह वाकिफ है और इससे खुद को सुरक्षित रखेगा। एसकेएम ने कहा कि लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से, ज्यादा से ज्यादा गांवों में अधिक से अधिक किसानों को भाजपा की किसान विरोधी और अलोकतांत्रिक हिंसक मानसिकता से अवगत कराया जाएगा, और जब तक सरकार द्वारा सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा।

लोकनीति सत्याग्रह पदयात्रा कल भगवानपुर हाट से निकली और 26 किलोमीटर की दूरी तय कर कल रात छपरा जिले के जलालपुर पहुंची। दोपहर में यात्रा बनियापुर पहुंची जहां बनियापुर के इंटर कॉलेज में किसानों के साथ बैठक हुई। आज 18 दिवसीय पदयात्रा के आठवें दिन जलालपुर से रवाना होकर यह यात्रा छपरा जिले के मांझी घाट की ओर बढ़ रही है, जहां आज रात 28 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचेगी। गांधी जयंती पर चंपारण में शुरू होने के बाद वाराणसी तक जाने वाली पदयात्रा अब तक लगभग 140 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है, और महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन के दौरान नील किसानों के ऐतिहासिक चंपारण संघर्ष को याद दिला रही है। यात्रा बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा के पास है और कल उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ेगी। यात्री कल लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सीताबदियारा पहुंचेंगे। श्री नरेंद्र मोदी के लिए यात्रा का आज का प्रश्न है: "कोरोना महामारी के दौरान ध्वस्त हुई हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है।    

प्रेसविज्ञप्ति जारीकर्ता-

बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव

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