चिप देखने से पहले चिपकुओं को देखो! दुनिया ही चिप और चिपकुओं की है! या आप ही बताइए, बिना चिप-के कोई काम हुआ हो कभी? चिप और चिपकुओं की ही माया है कि आज सबसे प्यारा, सबसे न्यारा 2000 का नोट बंद करना पड़ रहा है। क्या करते दीदी और भइया पत्रकारों ने 2000 के नोट की चिप-की माया सार्वजनिक कर दी थी! सुना है बड़े साहब इन दोनों को 'देख लेंगे' की धमकी भी दे चुके हैं! वैसे 2000 नोट की चिप से चिपकू लोग मानते हैं कि यह #नोटबन्दी भी पहले की ही तरह करामाती है। बल्कि यह तो और भी सूझबूझ का परिचायक है। एक तो इससे यह पता लग जाएगा कि 2000 नोट के कालेधनी लोग कहाँ-कहाँ कालापीला कर रहे हैं, दूसरे यह भी पता चल जाएगा कि 2000 नोट के नाम से जाना जाने वाला यह काला कारोबार अब कहाँ-कहाँ कमाल करने वाला है! जानकर लोग जानते हैं कि बड़े साहब ने ही छोटे साहब के कहने पर यह सब प्रपंच रचा है कि सारे काले-काले को पीले-पीले में कन्वर्ट कर दिया जाए। खैर, जनता दुःखी है! आदत के मुताबिक़ वह इस नोट को भी सनातन मानकर इससे गहरा लगाव महसूस करने लगी थी और इसका गुलाबी रंग उसके दिल पर अ
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.