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Showing posts with the label मध्यप्रदेश

कौन है विनाशलीला का असली जिम्मेदार?..

                     वर्षा की तीव्रता, आवृत्ति और             बांध के कारण बाढ़-आपदा                                         ~ राज कुमार सिन्हा                           बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ औसत वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण लंबे समय तक बारिश न होने के और अचानक अत्यधिक बारिश की घटना के कारण बाढ़ में बढोतरी हुई है। आपदा आने से ठीक पहले वायनाड केरल में अभूतपूर्व बारिश हुई थी। जिले की सलाना औसत का 6 प्रतिशत बारिश महज़ एक दिन में हो गई। विगत कुछ वर्षों से जलवायु परिवर्तन वर्षा की तीव्रता और आवृत्ति को प्रभावित कर रहा है। एकाएक कम समय में भारी बारिश के कारण बाढ़ वृद्धि के जोखिम बढ़ जाते हैं। भारी वर्षा का मतलब यह नहीं है कि किसी स्थान पर वर्षा की कुल मात्रा बढ़ गई है। बल्कि यह है कि वर्षा तीव्र घटनाओं के रूप में हो रही है। वर्षा की तीव्रता में परिवर्तन, जब वर्षा की घटनाओं के बीच अंतराल में परिवर्तन के साथ दोनों होता है, तो वर्षा योग में परिवर्तन हो सकता है।भारी वर्षा की घटनाओं में उनकी आवृत्ति पर नजर रखना और यह गणना करना कि किसी दिए गए वर्ष में किसी विशेष स्थान की कुल वर्षा

कठमुल्लों से सावधान: आप कहाँ जाएंगे?

                वे  धर्म के नाम पर ही नहीं               जाति के नाम पर भी              आपको लड़ाएंगे,           मारकाट करवाएंगे!                                                  प्रस्तुति: सुनील कटियार आप किधर जाएंगे? मैहर और मुल्क में अगला नम्बर किसका? मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक प्रसिद्ध मन्दिर है। इसे  शारदा देवी के मन्दिर के नाम से जाना जाता है। कुछ समय पहले मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं धार्मिक न्यास मंत्राणी, उषा सिंह ठाकुर के हुकुम पर मप्र सरकार की इस विभाग की उपसचिव पुष्पा कुलश्रेष्ठ ने आदेश जारी किया कि इस मंदिर के  स्टाफ में जितने भी मुस्लिम कर्मचारी हैं, उन्हें तत्काल वहां से हटाया जाये। इस आदेश में सतना कलेक्टर को साफ़-साफ़ निर्देशित किया गया कि वह अगले तीन दिन में इस आदेश पर अमल सुनिश्चित करे। बताते हैं कि  मंत्राणी उषा सिंह ठाकुर को ऐसा करने का हुक्म, महाकौशल प्रांत के बजरंग दल/ विश्व हिन्दू परिषद ने दिया था। ये दोनों ही संगठन आरएसएस के आनुषांगिक संगठन हैं और स्वाभाविक है कि उन्होंने मंत्राणी  को यह निर्देश, संघ के कहने पर ही दिया होगा। इससे पहले कि इस आदेश के बाकी पहलुओं

क्या सचमुच तीनों कानून 'गैर-संवैधानिक' हैं?..

काला कानून, कितना काला!           क्या हैैं कृषि संबंधित तीनों कानून?             क्या सचमुच ये संवैधानिक नहीं हैं?                                            आलेख :  एडवोकेट   आराधना  भार्गव                                                                       नए लाए गये तीनों कृषि संबंधित कानूनों का विवाद खत्म होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं के साथ-साथ देश के दूसरे कई स्थानों पर किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ धरने पर बैठे हैं। प्रस्तुत है किसान संघर्ष समिति की मध्यप्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव के विचार:-   तीनों कृषि कानून इसलिए रद्द किये जाने चाहिये क्योंकि भारत के संविधान के भाग 4 अनुच्छेद 48 में कृषि राज्य का विषय है, और राज्य के विषय पर केन्द्र का कानून बनाना गैर संवैधानिक है। देश संविधान से चलना चाहिए, सरकार की मर्जी से नही। तीनों कानूनों को हमें एक दूसरे से जोड़कर देखना होगा। कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 जिसे हम बोलचाल की भाषा में बंधुवा किसान कानून कहते हहैैं, इसमें पीड़ित पक्षकार न्याय पालिका का