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Showing posts from December, 2022

किसान आंदोलन के आइने में चौधरी चरणसिंह

चौधरी चरण सिंह जन्म-दिवस             उन्हें याद करने का मतलब!..                              - अशोक प्रकाश   28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक मात्र कुछ महीने भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री के रूप में देश की संसदीय व्यवस्था की कमान संभालने वाले चौधरी चरण सिंह को 'किसानों का मसीहा' के रूप में याद किया जाता है। सर छोटूराम के बाद किसानों के प्रबल हितैषी के रूप में पहचान बनाने वाले वे सर्वाधिक महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं। किसान समर्थक कानूनी सुधारकों में उन्हें विशेष स्थान प्राप्त है। पिछले साल जब से संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चलाए गए जुझारू किसान संघर्षों के फलस्वरूप मोदी सरकार को कॉरपोरेट हितैषी तीन कृषि संबन्धी कानूनों को वापस लेना पड़ा है, चौधरी चरण सिंह को याद करना विशेष महत्त्व रखता है। चौधरी चरण सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में आज के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद के नूरपुर गाँव में 23 दिसम्बर, 1902 को हुआ था। किसानी संघर्षों में अग्रणी जाटों के वंश में पैदा हुए चौधरी चरण सिंह को किसानों की दशा-दुर्दशा की समझ विरासत में मिली थी। उनका जन्म जिस तरह 'काली मिट्टी के अनगढ़

अशांत मन की भड़ास

             एक सन्तमन के शांति-शांति उपदेश पर                           अशांत मन की भड़ास                                  -- अशोक प्रकाश यदि अन्यायी अत्याचारी किसी कमजोर पर अत्याचार करे आप शांत रहें क्योंकि वह आप पर अत्याचार नहीं कर रहा और जब वह आप पर अत्याचार करे तो दूसरे को शांत रहने का उपदेश दें क्योंकि वह उस पर अत्याचार नहीं कर रहा... झूठ और गलत है 'अन्याय और अत्याचार से  कम दोषी  नहीं होते अन्याय -अत्याचार सहने वाले...' सही और मान्य है अन्याय और अत्याचार की  आध्यात्मिक परिभाषा!.. सब ऊपर वाले की मर्ज़ी से होता है... उसी की मर्ज़ी से तो ही आखिर तोता भी बोलता है! तोताराम रहिए शांति-शांति कहिए!                             ☺️☺️☺️☺️☺️☺️