शांति...शांति कहिए
तोताराम बनिए!
-- अशोक प्रकाश
यदि अन्यायी- अत्याचारी
किसी कमजोर पर अत्याचार करे
आप शांत रहें
क्योंकि वह आप पर अत्याचार नहीं कर रहा
और जब वह आप पर अत्याचार करे तो
दूसरे को शांत रहने का उपदेश दें क्योंकि
वह उस पर अत्याचार नहीं कर रहा...
'अन्याय और अत्याचार से
कम दोषी नहीं होते
अन्याय -अत्याचार सहने वाले...'
झूठ है, गलत है...
सही और मान्य है
बलात्कारी से
उम्मीद और आशा
अन्याय और अत्याचार की
आध्यात्मिक परिभाषा!..
सब
प्रभू की माया है
कहीं धूप कहीं छाया है...
ऊपर वाले की
मर्ज़ी से सब
होता है...
उसी की मर्ज़ी से ही तो
आखिर
तोता बोलता है!
तोताराम बनिए
शांति-शांति कहिए!
☺️☺️☺️☺️☺️☺️
वाह वाह क्या खूब कटाक्ष
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