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Showing posts with the label गुरु नानक

आपका क्या विचार है?

  विचार-विमर्श: फ्रांसीसी क्रांति,  1857 की क्रांति,  रूसी क्रांति, चीनी क्रांति से भी बड़ी क्रांति कोई थी क्या? सोचिए और जवाब दीजिए इस विचार-विमर्श में~~                 विश्व की सबसे बड़ी क्रांति!..                                         -- दिनेश सिंघ एलएल.एम.                                        नई दिल्ली, मो.9977300997 विश्व का इतिहास यूं तो तमाम क्रांतियों और कुर्बानियों से भरा पड़ा है। लेकिन दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंघ साहेब जी की खालसा क्रांति विश्व की सबसे बड़ी क्रांति है और दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंघ साहेब जी की कुर्बानी विश्व की सबसे बड़ी कुर्बानी है। गुरु साहिबान की क्रांति मानवता, समानता और भाईचारे पर आधारित है।  ब्राह्मण बैरी की अमानवीय व्यवस्था में जिन लोगों को जानवर से भी बदतर समझा जाता था गुरु साहिबान ने उनको अप...

आधुनिक भक्तिकाव्य से अधिक जनपक्षधर है 'संतकाव्य!

online_classes      परीक्षा की तैयारी                निर्गुण ज्ञानाश्रयी संत काव्य:                         प्रमुख कवि एवं प्रवृत्तियां कालक्रम की दृष्टि से  हिंदी साहित्य के भक्तिकाल का प्रारम्भ  निर्गुण काव्य धारा से होता है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने अपने 'हिंदी साहित्य का इतिहास' में इस काव्य धारा को ‘निर्गुण ज्ञानाश्रयी धारा’ नाम दिया। डा. रामकुमार वर्मा ने इसे ‘सन्त काव्य परम्परा’ कहा तो आचार्य हजारी प्रसाद व्दिवेदी ने इसे ‘निर्गुण भक्ति साहित्य’ का नाम दिया। इसे ज्ञानाश्रयी काव्यधारा भी कहा गया। इस काव्यधारा के सबसे चर्चित कवि के रूप में कबीर विख्यात हैं। भक्तों-संतों के नाम के आगे 'दास' लगाने की परम्परा के चलते वे 'कबीरदास' नाम से भी जाने जाते हैं। ★★ शब्द 'सन्त':             सामान्यतः सदाचार के लक्षणों से युक्त मन की शांति का पाठ पढ़ाने वाले व्यक्ति को 'सन्त' कहा जाता है। ऐसा संत व्यक्ति स्वयं की जगह सामाजिक कल्याण और आ...