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कविता की भाषा में किसान आंदोलन

             क्या है किसान आंदोलन ?                               - अशोक प्रकाश 1. हम पर न दया करो, न तरस खाओ हमारा हक़ छीना जा रहा है, हमारे साथ आओ!.. 2. खाद-बीज-बिजली-डीज़ल-कीटनाशक सब पर जिनका अधिकार है, किसान की मेहनत के लुटेरे हैं वे, इन मुनाफाखोरों का किसान शिकार है!... 3. सबको अपनी उत्पादन-लागत-मेहनत के अनुसार मुनाफ़ा तय करने का अधिकार है, ये कौन सी नीति है, किसान की लागत, कीमत, मुनाफ़ा पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के अधिकार है?...  4. जब किसान को मिलेगी सुनिश्चित आय कर्जा-मुक्त होंगे जब सभी किसान फसल का मिलेगा पूरा दाम जब देश में होगा  किसान का तब असली सम्मान!..  5.   विकास का सारा मतलब उलटा समझाया गया है चंद लोगों के विकास को किसानों का, जनता का विकास बताया गया है... ऐसा कब तक और क्यूँ चलेगा? किसी का एंटिला देखकर बेरोजगार नौजवान कब तक बहलेगा??...                           ★★★★★★★ हिन्दी साहित्य

बचने की कोशिश में वे और बेनकाब हो रहे हैं!..

                          जन गोलबन्दी              और बढ़ रही है! ठीक है, तुम्हारा राज है! तुम शेरअली बन रहे हो। पर तुम ऐसा सोचने वाले पहले लोग नहीं हो। तुमसे पहले जिन्होंने भी हिटलरी ख़्वाब पाले, मिट्टी में मिल गए ! सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी। कानून और संविधान से ऊपर मत समझो अपने गिरोह को!...       जी, राजसत्ता के मद में चूर हुक्मरानों के लिए जनता की यही चेतावनी उनके, बढ़ते किसान आंदोलन के इरादों से प्रकट हो रही है।   पढ़ें, संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस-विज्ञप्ति! ★ पूरे भारत में शहीद किसान दिवस मनाया जाएगा - लखीमपुर खीरी के शहीदों की अंतिम अरदास कल (12 अक्टूबर) तिकोनिया में होगी - एसकेएम ने पूरे देश में  प्रार्थना और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित करने की अपील की - दिन को यादगार बनाने के  लिए कल शाम मोमबत्ती मार्च निकाला जाएगा ★ एसकेएम ने अजय मिश्रा टेनी के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बने रहने और उनकी गिरफ्तारी न होने पर निराशा व्यक्त की - एसकेएम ने कहा। लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार में उनकी भूमिका स्पष्ट है और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अब तक की कार्रवाई नहीं किया जाना शर्मनाक है - यह तथ्य क