किसान आंदोलन की बढ़ती मुसीबतें पश्चिमी उत्तरप्रदेश और विशेषकर जाट-बेल्ट में लोकप्रिय राष्ट्रीय लोक दल- आर.एल.डी. का आधार परंपरागत रूप से किसान रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक नेता महेंद्र सिंह टिकैत इस क्षेत्र की ऐसी शख्सियत रहे हैं जिनके महत्त्व को नकारना न तो राजनीतिक दलों और न किसान आंदोलन के लिए ही संभव रहा है। इसका कारण यह भी है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसान आंदोलन इन्हें प्रतीक के तौर पर मानता रहा है। आज भले ही किसान आंदोलन ने घोषित तौर पर राजनीतिक दलों से दूरी बना रखी है किन्तु आर.एल.डी. जैसी पार्टियों का मिला समर्थन उसका मददगार भी सिद्ध हुआ है। ऐसे में आर.एल.डी. प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री चौधरी अजीत सिंह का निधन किसान आंदोलन के लिए भी एक झटका ...
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.