Whatsappचुटकुला: प्राइवेट बनाम सरकारी प्राइवेट काम करने वालों को लगता है कि सरकारी कर्मचारी को तो फोकट की तन्ख्वाह मिलती है। एक वैल्डिन्ग मिस्त्री काफी दिनों से एक सरकारी कर्मचारी को तन्ख्वाह ज्यादा होने व काम कम होने के ताने दे रहा था | एक दिन सरकारी कर्मचारी का दिमाग खराब हो गया वह घर से एक टूटी बाल्टी की कड़ी डलवाने व पुराना टूटा हुआ हत्था लेकर उस मिस्त्री के पास जा पहुँचा! मिस्त्री ने 100 रू मरम्मत खर्च बताया ... कर्मचारी बोला - 150 ₹ दे दूँगा .. पर कुछ नियम ध्यान में रखना.. मिस्त्री राजी होकर बोला -बताओ बाबूजी जी..? कर्मचारी ने एक रजिस्टर निकाला और मिस्त्री से बोला - ये लो इस में रिकार्ड भरना है... 1.बाल्टी किस सन में बनी व कब टूटी (RTI) 2.बाल्टी किस कम्पनी की बनी है TATA/JSW/SAIL 3.बाल्टी की मरम्मत में खर्च वैल्डर,बिजली,पानी व समय का ब्यौरा दर्ज करना होगा।* 4.मरम्मत से पहले व बाद मे बाल्टी का वजन लिखना होगा। 5.हत्थे में कितनी जंग लग चुकी है ... उसका वजन और कारण दर्ज कर
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.