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अशांत मन की भड़ास

             एक सन्तमन के शांति-शांति उपदेश पर                           अशांत मन की भड़ास                                  -- अशोक प्रकाश यदि अन्यायी अत्याचारी किसी कमजोर पर अत्याचार करे आप शांत रहें क्योंकि वह आप पर अत्याचार नहीं कर रहा और जब वह आप पर अत्याचार करे तो दूसरे को शांत रहने का उपदेश दें क्योंकि वह उस पर अत्याचार नहीं कर रहा... झूठ और गलत है 'अन्याय और अत्याचार से  कम दोषी  नहीं होते अन्याय -अत्याचार सहने वाले...' सही और मान्य है अन्याय और अत्याचार की  आध्यात्मिक परिभाषा!.. सब ऊपर वाले की मर्ज़ी से होता है... उसी की मर्ज़ी से तो ही आखिर तोता भी बोलता है! तोताराम रहिए शांति-शांति कहिए!                             ☺️☺️☺️☺️☺️☺️