केवल संख्या बल नहीं!.. केवल संख्या से कुछ नहीं होगा हिंदुस्तानियों.. अंग्रेज़ तुमसे बहुत कम थे अन्य देशों से आकर राज क़ायम करने वाले दूसरे शत्रु भी! कबूतर हमेशा नहीं उड़ जाया करते बहेलिए का जाल लेकर!.. इन दिनों ही देखो, कितने कम हैं तुम पर राज करने वाले उनसे भी बहुत कम हैं राज का ताज पहनाने वाले! अगर तुम नहीं समझ सकते ताज़ का राज़ और अपनी गुलामी का कारण तो समझने की कोशिश करो... मत लड़ो उनके इशारों पर और सोचो कि लोकतंत्र कैसे बना है और कितना बचा है! इतना तो समझ सकते ही हो पुष्पक विमान की कल्पना बहुत आगे बढ़ चुकी है चन्द्रमा और मंगल सिद्ध हो चुके हैं अपूर्ण पृथ्वी! पृथ्वी पर रहने वालों मनुष्यों खुद को बचाओ अपने ही बीच के शत्रुओं से जो जानवर बन खा जाना चाहते हैं तुम्हें निगल जाना चाहते हैं यह पृथ्वी स्वर्गादपि गरीयसी भस्मासुर बनकर!... लेकिन वह पौराणिक कथा है सच में तो कहानियों का इस्तेमाल से राज और ताज दोनों सुरक्षित हैं! ★★★★★★
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.