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ऐसे ही होती है शुरुआत

                        एक नई शुरुआत:               मजदूरों, बेरोजगारों और किसानों ने                            दिखाई एकजुटता प्रेस विज्ञप्ति | 24 अगस्त 2023 ऐतिहासिक अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त सम्मेलन दिल्ली में आयोजित नई दिल्ली, 24 अगस्त 2023 - एकता और संकल्प के ऐतिहासिक प्रदर्शन में, आज नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच, जो देश भर के किसानों और मजदूरों का प्रतिनिधित्व करता है, द्वारा बुलाया गया था। सम्मेलन की शुरुआत 2014 के बाद से केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई आक्रामक कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों द्वारा उत्पन्न खतरनाक स्थिति को संबोधित करते हुए हुई। इन मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप राष्ट्र की अर्थव्यवस्था, एकता और अखंडता के लिए विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। सम्मेलन ने केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट-समर्थक और किसान-विरोधी नीतियों के कारण भारत में कृषि संकट पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में

क्या शुरू होने वाला है तीसरा स्वतंत्रता संग्राम?..

काले कानून किसान आंदोलन                          किसान-मजदूर संगठनों के लिए                                     आह्वान यद्यपि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पल ने सीधे तौर पर किसी स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की घोषणा नहीं की है, किन्तु सरकार ने जिस तरह का रवैया अपनाया है और  किसान   संगठन जिस तरह अपने आंदोलन के नित नए तरीके अपना रहे हैं; उससे ऐसा ही लगता है कि भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत के दिन (10 मई, 1857) को एक महत्वपूर्ण दिन बनाया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आह्वान किया गया है कि उस दिन देश के सभी किसान-मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि सिंघु बॉर्डर पहुँचे। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता के अनुसार लाखों  किसान   तीन किसान विरोधी व कॉरपोरेट पक्षीय कानूनों का विरोध शुरू से स्थानीय स्तर पर कर रहे है और पिछले साल नवंबर के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है।  संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में, वे सभी किसानों के लिए पारिश्रमिक एमएसपी की कानूनी गारंटी की भी मांग कर रहे हैं। 143 दिनों के विरोध के बावजूद, भीषण ठंड, बारिश और गर्मी के मौसमो में, किसानों की जा

किसान आंदोलन के नए प्रतिमान

                  दिल्ली की सीमाओं से आगे... संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में जारी किसान आंदोलन अब देशव्यापी होने साथ-साथ सघन भी होता जा रहा है। देश के दक्षिणी राज्यों- केरल, तमिलनाडु, गोवा आदि में अन्य किसानों के साथ-साथ मछुआरों का भी आंदोलन को भारी समर्थन मिल रहा है। होली के अवसर पर किसानों ने जगह-जगह किसान-विरोधी कानूनों की प्रतियां जलाईं। इसी क्रम में किसान आंदोलन के 125वें दिन जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति से पता चलता है कि यह आंदोलन अब विकेन्द्रित आंदोलन के रूप में कहीं ज़्यादा गति से विकसित हो रहा है।     कानूनों की जली होली 125वें दिन डॉ. दर्शनपाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिए गए:- 1. 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाया जाएगा जिस दिन देशभर में FCI के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा। 2. 10 अप्रैल को 24 घण्टो के लिए केएमपी ब्लॉक किया जाएगा। 3. 13 अप्रैल को वैशाखी का त्यौहार दिल्ली की सीमाओं पर मनाया जाएगा। 4. 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती पर सविंधान बचाओ दिवस मनाया जाएगा। 5. 1 मई मजदूर दिवस दिल्ली के बोर्डर्स पर मनाया ज