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Showing posts from October, 2018

Joint Forum for Movement on Education Convention:

हे राम! हाय राम!!...

  हे राम! हाय राम!!...                                                - अशोक प्रकाश हे राम! महत्त्वपूर्ण यह नहीं कि तुम कब थे? या तुम नहीं थे! महत्त्वपूर्ण यह है कि तुम हो... कहाँ हो? 'रामायण' में, 'उत्तर राम चरितं' में, कबीर की साखियों और पदों में, 'राम चरित मानस' में, 'कम्बन रामायण' में, 'रामचंद्रिका' में, 'मेघनाथ वध काव्य' में, रवींद्र के 'काब्बेर उपेक्षिता' में, महावीर प्रसाद द्विवेदी के- 'कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता' में, मैथिली शरण गुप्त के 'साकेत' में, निराला की- 'राम की शक्तिपूजा' और 'तुलसीदास' में, ललई यादव की 'सच्ची रामायण' में, नरेन्द्र कोहली की 'रामकथा' में, भगवान सिंह के 'अपने-अपने राम' में, रामानन्द सागर के 'रामायण' में, चंदन एन सिंह लिखित- जी-टीवी के 'रावण' में, मणिरत्नम की फ़िल्म 'रावण' में... हे राम!... तुम कहाँ-कहाँ हो?.. कैसे-कैसे हो?... तुम हो तो रावण भी है रामराज है तो रावणराज भी है... न जाने कितने लोग दिहाड़ी न पाने पर