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Showing posts from December, 2017

अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच (AIFRTE):

      विश्व व्यापार संगठन' के तथाकथित 'समझौतों' से                        भारत की उच्च-शिक्षा बचाओ! 'अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच (All India Forum For Right To Education)' का यह पर्चा 'विश्व व्यापार संगठन' से उच्च-शिक्षा को बचाने की अपील करता है!...उच्च-शिक्षा के साथ हो रहे खिलवाड़ को बेनक़ाब करता यह पर्चा आज भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है!... http://aifrte.in/sites/default/files/AIFRTE%20docs/RTE%20Campaign/AIFRTE_WTO%20Leaflet_Revised%20on%2022april2014.pdf

एक चिट्ठी:

                      एक पत्र...- प्रधानमन्त्री के नाम प्रिय श्री मोदी जी , आप देश के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं , यह आपके शब्दों से ही नहीं कार्यों से स्पष्ट हो रहा है। आप उन बुनियादी समस्याओं पर ध्यान दे रहे हैं जिन पर लोगों का ध्यान जाना चाहिए पर जाता नहीं है। स्वच्छ भारत अभियान उनमें से एक है। इसके लिए आप साधुवाद के पात्र हैं। इसी दृष्टि से मैं यह पत्र आपको लिख रहा हूँ ताकि कुछ और आवश्यक बातों की ओर आपका ध्यान जा सके। क्योंकि आप मुझे जानते नहीं हैं , इसलिए मैं निवेदन करूँ कि मैं 28वर्ष तक एनसीईआरटी में कार्यरत था और वहाँ से 1988 में मैंने अवकाश ग्रहण किया। 1950 से अब तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हूँ और अभी भी 86 वर्ष की अवस्था में उसी कार्य में संलग्न हूँ। मैं शिक्षा के बारे में कुछ जानता हूँ और मुझे उस क्षेत्र का कुछ अनुभव है, इसलिए यह पत्र आपको संबोधित है। यह देखकर खेद होता है कि जहाँ आप देश को सभी दिशाओं में आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं , आपकी दृष्टि में शिक्षा ने वह स्थान नहीं पाया है जिसकी वह हकदार है। इस विषय में निम्नलिखित बातों पर आपसे ध्यान देने क

उच्च-शिक्षा की दशा-दिशा:

                                           🔴भारत की उच्च शिक्षा🔴                                          -प्रोफेसर वी एस दीक्षित,                                                 दिल्ली विश्विद्यालय             आज सरकारों ने शिक्षा को अपनी नीतियों से ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है जहाँ से समाधान का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।हर तरफ तबाही का आलम है चाहे वो शिक्षकों की बात हो, विद्यार्थियों की बात हो या कर्मचारियों की बात हो। शिक्षा ब्यवस्था में शिक्षक,विद्यार्थी और कर्मचारी एक दूसरे के पूरक हैं। एक दूसरे के बिना किसी की कोई गति नहीं है। आज निजीकरण और व्यापारीकरण की सरकारी नीतियों ने इन सभी को कहीं न कहीं बुरी तरह से प्रभावित किया है।    विद्यार्थियों की वजह से शिक्षक हैं ।कर्मचारी इन दोनों के बीच की कड़ी हैं। सरकार लगातार उठती आवाजों के बावजूद मूकदर्शक बनी हुई है और निजीकरण की नीतियाँ लादने को तत्पर है।                 मैं पहले अपनी बात विद्यार्थियों शुरू करुँगा। जब मैं  विद्यार्थियों की बात कर रहा हूँ तो इसमें समाज के सभी वर्गों के  विद्यार्थियों की बात समाहित है चाहे वो किसान

काकोरी काण्ड के शहीद!:

औटा-चुनाव

                              कुछ प्रतिक्रियाएं डॉ.भारत सिंह :             औटा के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई। व्यवस्था व कार्यप्रणाली परिवर्तन के लिए उत्सुक उत्साही शिक्षकों ने प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के माध्यम से नयी औटा गठित की है।    कार्यकारिणी में आधिकांश नये चेहरे व कतिपय पुराने चेहरे भी निर्वाचित किये गये हैं।   प्रक्टीकल व पैनल्स पर केन्द्रित रही औटा सामान्य छात्र, अभिभावक व शिक्षक हितों के प्रति संवेदनशीलता, विश्व विद्यालय प्रशासन के नीतिगत निर्णयों में शिक्षक प्रतिनिधियों की निर्लोभ, न्यायपूर्ण,सक्रिय व प्रभाव शील भूमिका जैसे मुद्दों की ओर किस सीमा तक विकेनिद्रत हो पायेगी,नवगठित औटा के लिए यह चुनौती पूर्ण कड़ी परीक्षा होगी। डॉ.अरविन्द कुमार:          निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण हुई!... हमें अब मुख्य मुद्दों पर विचार करना होगा और अपने नेतृत्व को सुझाव देने होंगे! मेरा विद्वान साथियों से अनुरोध है कि निम्न मुद्दों पर विचार कर अपनी राय व विचार अवश्य दें- १ - औटा सामूहिक नेतृत्व प्रणाली विकसित करे जिससे प्रत्येक आन्दोलन में सभी शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चि

आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (auta) चुनाव:

            आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव में                       डॉ. मुकेश भारद्वाज-अध्यक्ष और                          डॉ.निशांत चौहान-महामन्त्री       गत 15 दिसम्बर को आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (AUTA) का चुनाव संपन्न हुआ। पहली बार शिक्षकों ने पहले से चली आ रही प्रतिनिधि-प्रणाली के स्थान पर प्रत्यक्ष आम -चुनाव द्वारा अपने प्रतिनिधियों का चुनाव किया। इसके लिए शिक्षकों ने काफी पहले से अभियान चलाया था। इसका सकारात्मक परिणाम आम शिक्षक मतदाताओं द्वारा चुनाव के रूप में सामने आया। इसमें शिक्षकों ने पूरी शिद्दत के साथ भागीदारी कर लोकतांत्रिक परम्परा का जीवन्त नमूना पेश किया।        इस चुनाव में कुल 1008 मतदाताओं में से 961 लगभग 96% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को जिताने का भरपूर प्रयास किया।  चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए डॉ मुकेश भारद्वाज (269) ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी डॉ ओमवीर सिंह (202) को 65 मतों से पराजित किया। उपाध्यक्ष पद (पुरुष) के दो पदों के लिए 6 प्रत्याशियों में  डॉ दिग्प्रताप सिंह (456) और डॉ अवधेश कुमार

शिक्षक-संघ:

                   चुनाव:               आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक-संघ का!             (आगरा वि.वि.शिक्षक-संघ चुनाव के नामांकन के                          वक़्त प्रत्याशी और उनके समर्थक)           आगरा विश्वविद्यालय शिक्षक-संघ 15 दिसम्बर, 2017 को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर रहा है। अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष (एक महिला एवं एक पुरुष), महामन्त्री, कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त मंत्री (एक महिला एवं एक पुरुष), दो उत्तर-प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक-संघ (फुपुक्टा) प्रतिनिधियों तथा दस कार्यकारिणी सदस्यों सहित कुल उन्नीस पदों के लिए होने वाले चुनाव में कुल अट्ठावन  प्रत्याशी मैदान में हैं! इनमें अध्यक्ष के लिए सात, उपाध्यक्ष के लिए नौ (छह पुरुष और तीन महिला), महामन्त्री के लिए चार, संयुक्त-मंत्री के लिए कुल छह (तीन पुरुष और तीन महिला), कोषाध्यक्ष के लिए तीन, फुपुक्टा-प्रतिनिधि  के चार तथा पच्चीस कार्यकारिणी सदस्य के प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं। इस वर्ष यह चुनाव इसलिए ज़्यादा महत्त्वपूर्ण और आकर्षक हो गया है क्योंकि इस विश्वविद्यालय शिक्षक-संघ के इतिहास में पहली बार सभी शिक्षकों को

अखिल भारतीय विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ(AIFUCTO):

                             CIRCULAR                (Dec.12/2016-17 09th Dec,2017) Dear Friends, Greetings from AIFUCTO!      We have reached that part of the year when we are eagerly waiting for a meeting to discuss our pending issues and seek a solution to those. I feel delighted to welcome you all to Shirdi between December 18 and 20 for the XXIX Statutory Conference of AIFUCTO. Shirdi the abode of Saint Sri Sai baba in Maharashtra is all set to welcome delegates. It is now time to get set for the arrange and assemble at the venue in right health and spirit. Friends, as we gear up for our Shirdi meeting we are really disturbed about the studied insolence of the central government: neither the office of the Prime Minister nor MHRD made any attempt of communication to us on the representation we sent to them. It is now clear that government is in complete mode of denial so far demands and expectations of the teachers of the country are concerned. Education is not in

एक तस्वीर:

🔴यही मज़बूरी है बड़ी संख्या में हमारे देश के गाँवों/शहरों में रहने वाले गरीब घरों के बच्चों की!...अगर इनके परिवारों को आर्थिक रूप से इतना सबल नहीं बनाया जा सकता कि बाकी मध्यवर्ग की तरह वे इनकी पढ़ाई-लिखाई को ज़्यादा महत्त्व देने लायक हो जाएं, तब तक मध्याह्न भोजन...जूता-कपड़ा से इस दशा में अपेक्षित सुधार नहीं होगा!..       किसी अध्यापक को बलि का बकरा भले बना दिया जाय, पर अध्यापकों के हाथ में ज़्यादा कुछ नहीं है!...रोटी का गणित इससे जूझते लोगों को संख्याओं के गणित से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण लगेगा ही!!🏼🔴
                            PRESS RELEASE                                                                                                                               (AIFUCTO,  New Delhi, 30/11/2017)                                                                                                                                                                                                           After a long protracted struggle by AIFUCTO the 7th UGC Pay revision scheme was released by the MHRD on 2nd November, 2017. AIFUCTO President  Prof. Kesab Bhattachaya and Prof. Arun Kumar in a press statement issued today ,said  with utmost shock and dismay  that this has belied the hopes and aspirations of lakhs of University and College teachers of the country, putting the sincerity and commitment of the central govt. to higher education into dock. The reason of non-sharing of the report to the stake holders like AIFUCTO is now crystal clear as the hidden agenda stands exposed. The
                   ' उच्च-शिक्षा बचाओ' दिवस                                          पूरे देश में विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में                               धरना-प्रदर्शन विगत ३० नवम्बर को अखिल भारतीय विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ ( AIFUCTO )के आह्वान पर देश भर के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर उच्च-शिक्षा सम्बन्धी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 'उच्च-शिक्षा बचाओ' दिवस मनाया. इस दिन विभिन्न शिक्षक संगठनों ने धरना दिया तथा सातवाँ वेतनमान विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए लागू करने में हीला-हवाली के प्रति विरोध जताया. शिक्षकों का कहना है कि जबकि प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों के लिए सातवें वेतनमान के साथ कुछ अन्य सुविधाओं की भी घोषणा की गयी है, किन्तु उच्च शिक्षा के प्रति सरकार भेदभाव कर रही है.                   सातवाँ वेतनमान विश्वविद्यालय-महाविद्यालयों के शिक्षकों को देने की जो स्थिति बनाई गयी है, उससे लगता है कि सरकार उन्हें यह वेतनमान देना ही नहीं चाहती. शिक्षकों के अनुसार पहले केंद्र-सरकार जो अस्स