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किसान आंदोलन के बदलते तेवर

             

                        किसान आंदोलन की 

                   बढ़ती मुसीबतें               

 

पश्चिमी उत्तरप्रदेश और विशेषकर जाट-बेल्ट में लोकप्रिय राष्ट्रीय लोक दल- आर.एल.डी. का आधार परंपरागत रूप से किसान रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक नेता महेंद्र सिंह टिकैत इस क्षेत्र की ऐसी शख्सियत रहे हैं जिनके महत्त्व को नकारना न तो राजनीतिक दलों और न किसान आंदोलन के लिए ही संभव रहा है। इसका कारण यह भी है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसान आंदोलन इन्हें प्रतीक के तौर पर मानता रहा है। आज भले ही किसान आंदोलन ने घोषित तौर पर राजनीतिक दलों से दूरी बना रखी है किन्तु आर.एल.डी. जैसी पार्टियों का मिला समर्थन उसका मददगार भी सिद्ध हुआ है। ऐसे में आर.एल.डी. प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री चौधरी अजीत सिंह का निधन किसान आंदोलन के लिए भी एक झटका माना जा रहा है, भले ही उनके उत्तराधिकारी चौधरी जयंत भी किसान आंदोलन को समर्थन देते रहे हैं। स्वाभाविक रूप में किसान आंदोलन ने चौधरी अजीत सिंह की मृत्यु पर हार्दिक श्रद्धांजलि दी है।


         प्रस्तुत है संयुक्त किसान मोर्चा की अविकल प्रेस विज्ञप्ति:

★ किसान नेता चौधरी अजीत सिंह के निधन पर शोक व श्रद्धांजलि

★ किसान आंदोलन से संबंधित ट्विटर व फेसबुक अकाउंटस सस्पेंड किये जाने का विरोध व निंदा

★ कटाई के बाद किसानों का वापस दिल्ली मोर्चो पर पहुंचना शुरू

देश के पूर्व कृषि मंत्री व किसानों के नेता चौधरी अजीत सिंह का आज निधन हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा चौधरी अजीत सिंह को हार्दिक श्रद्धाजंलि अर्पित करता है। अजीत सिंह ने हमेशा साम्प्रदायिकता से परे किसानों के दर्द को मुख्य धारा की राजनीति में रखा था। अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विचारों को आगे ले जाते हुए अजीत सिंह ने इस किसान आंदोलन को भी खुले मन से समर्थन दिया था। 

वर्तमान किसान आंदोलन को कवर रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सरकार द्वारा लगातार हमला किया जा रहा है। पूर्व में किसान एकता मोर्चा के फेसबुक व इंस्टाग्राम पेज को बंद किया गया था। इसके बाद आंदोलन से संबंधित अन्य स्वतंत्र पेज को भी सस्पेंड किया गया था। इंटरनेट बैन करके सरकार ने एक तरफा एजेंडा भी फैलाया। कल amaanbali ट्विटर हैंडल को भारत सरकार के दबाव में सस्पेंड कर दिया गया। यह एकाउंट किसान मोर्चे में हो रहे शहीदों की जानकारी समेत किसान आंदोलन से जुड़ी हर छोटी बडी जानकारियां लोगो के साथ सांझा करता रहा है। इस एकाउंट से कोरोना महामारी से संबंधित भी लोगों की मदद की जा रही है। किसान आंदोलन में लगातार लंगर और अन्य जरूरी सामान की सेवा करने वाले और कोरोना महामारी में आम लोगों की बढ़ चढ़कर मदद करने वाले सामाजिक कल्याण संगठन खालसा एड के प्रमुख रवि सिंह का फेसबुक अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया है। सरकार की स्वतंत्र पत्रकारिता और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले की हम निंदा व विरोध करते है और इन एकाउंट्स को तुरंत एक्टिव करने की मांग करते है।

कटाई के सीजन के लगभग पूरा होते ही किसानों ने वापस दिल्ली मोर्चो पर पहुंचना शुरू कर दिया है। आज सिंघु बॉर्डर पर किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में बड़ी संख्या में पहुँचे हैं। आने वाले दिनों में भी दिल्ली मोर्चो पर इकट्ठा होकर सरकार पर दबाव मनाया जाएगा।

जारीकर्ता-

 अभिमन्यु कोहाड़, बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव

              samyuktkisanmorcha@gmail.com

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