Skip to main content

हरियाणा में किसानों पर हमले का क्या जवाब देंगे किसान?


               हिसार में किसानों पर पुलिस का 

                क्रूर व अमानवीय हमला 

            हिसार घटना के विरोध में KMP हाईवे जाम करते किसान


संयुक्त किसान मोर्चा: 

प्रेस विज्ञप्ति (1)

आज हिसार में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोरोना हस्पताल के नाम पर एक कार्यक्रम रखा था। किसानों ने पहले ही चेतावनी दे रखी थी कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को आने नहीं दिया जाएगा। क्योंकि पिछले साल से ही, जब से किसान आंदोलन चल रहा है, किसान विरोधी भाजपा और जजपा का लगातार विरोध हो रहा है व किसानों ने सामाजिक बहिष्कार किया हुआ है, इन नेताओ का कोई भी कार्यक्रम नहीं होने दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसे अपने घमंड का विषय मानते हुए पूरी सरकारी मशीनरी के सहारे इस कार्यक्रम में आने की तैयारी की। यह किसानों की जीत है कि उस राज्य के मुख्यमंत्री को पुलिस व अन्य सरकारी बल के दम पर अपने राज्य में कार्यक्रम करना पड़ रहा है।

आज मुख्यमंत्री खट्टर के हिसार आगमन पर कई जगह उनका विरोध किया जा रहा था। किसान भारी संख्या में इक्कठे होकर भाजपा जजपा के नेताओ का विरोध कर रहे थे। इसी बीच हरियाणा सरकार के आदेशों पर पुलिस द्वारा किसानों पर बेरहमी से लाठियां बरसाई गयी। उन पर आसूं गैस के गोले दागे गए। कई पुलिसकर्मियों ने पत्थरो से भी हमले किये। सेंकडो किसानों को गहरी चोटें आई है व महिला किसानों के साथ पुलिस बर्बरता हुई है। सयुंक्त किसान मोर्चा इस अमानवीय और गैरकानूनी कार्रवाई की सख्त निंदा करता है। हरियाणा के किसान संगठनों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हरियाणा के सभी बड़े हाईवे को 2 घण्टे जाम रखा है। KMP पर भी किसानो ने विरोध प्रदर्शन किया है। किसान नेताओं का घटनास्थल पर पहुंचना भी जारी है। किसान नेताओ का कहना है कि किसानों की मांगे न माने जाने पर कल हरियाणा के सभी पुलिस थानों का घेराव किया जाएगा।

 हिसार में पुलिस बल के सहारे किसानों को दबाने की कोशिश के जवाब में सभी किसान एकजुट है। इस तरह की गतिविधियों के द्वारा किसानों को उकसाया जा रहा है। किसानों के खिलाफ झूठे केस डालकर उन्हें परेशान किया जाएगा परंतु हरियाणा सरकार को सयुंक्त किसान मोर्चा की सख्त चेतावनी है कि इस अंहकार को छोड़े व किसानों को परेशान करना बंद करें।

हरियाणा के किसान आगामी कार्रवाई तय कर हरियाणा सरकार को जवाब देंगे। सयुंक्त किसान मोर्चा यह स्पष्ट करता है कि हालांकि किसानों का यह आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ है जो तीन कृषि कानूनो और MSP के सवाल पर केंद्रित है। परन्तु अगर हरियाणा सरकार बीच मे किसानों को बदनाम व परेशान करती है तो किसान उन्हें बुरा सबक सिखाएंगे।

भारत सरकार द्वारा तीन दालों पर आयात प्रतिबंधो को हटाना व उन्हें खुली सूची में डालना घरेलू उत्पादन पर गहरा प्रभाव डालेगा। यह किसानों को इनके उत्पादन के लिए हतोत्साहित करेगा व आयात निर्भरता को बढ़ाएगा। ■■

  


                     
हरियाणा खट्टर सरकार का पुतला दहन

हिसार घटना पर विशेष वक्तव्य: (2)

रविवार 16 मई 2021 : 9PM

किसानों की आगे झुकी खट्टर सरकार : सभी किसान रिहा : किसी भी किसान पर नहीं होगा मुकदमा

किसान संगठन करवाएंगे जख्मी किसानों का इलाज :  कल का पुलिस थानों के घेराव रद्द : खट्टर सरकार को दिया जाएगा सख्त जवाब

आज हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज, आंसूगैस व पथराव के बाद किसानों ने अपनी ताकत दिखाई। पुलिस के इस हमले में दर्जनों किसानों को गहरी चोटें आई। हरियाणा के किसान संगठनो और सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने आज 2 घंटे के लिए हरियाणा के सभी हाईवे पर जाम रखा। सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओ (गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश टिकैत, विकास सीसर व सुमन हुड्डा समेत अन्य नेता) ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंच कर किसानों का हाल जाना व गिरफ्तार 85 किसानों की रिहाई और किसी भी किसान पर मुकदमा न करने की मांग की। ऐसा न होने पर कल 11 बजे हरियाणा के सभी पुलिस थानों के घेराव की चेतावनी दी।

किसानों ने हिसार पुलिस IG आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के लिए किसानों की तरफ से 10 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई गुरनाम सिंह चढूनी, विकास सीसर व सुमन हुड्डा ने की।

वार्ता के बाद हरियाणा सरकार बैकफुट पर आई और किसानों की मांगें मान ली गयी।

1. सभी गिरफ्तार 85 किसानो, जिसमें 65 पुरुष किसान व 20 महिला किसान शामिल है, को रिहा कर दिया गया व उन्हें धरनास्थलों पर वापस छोड़ा गया।

2. इस घटना से संबंधित किसी भी किसान पर कोई पुलिस केस नहीं दर्ज किया जाएगा।

3. किसानों के अनेक वाहन, जो पुलिस ने जब्त कर लिए थे, उन्हें भी छोड़ने का फैसला हुआ है।

इसके बाद किसानों द्वारा हरियाणा के मुख्य हाईवे जो बंद किये थे, उन्हें खोल दिया गया। कल के प्रस्तावित पुलिस थानों के घेराव को वापस ले लिया गया।

यह भी तय किया गया कि इस घटना में जख्मी सभी किसानों का मेडिकल इलाज हरियाणा के किसान संगठन करवाएंगे। हरियाणा सरकार के किसानों पर हमलों का सख्ती से जवाब दिया जाएगा। किसान किसी भी कीमत पर नहीं झुकेंगे। ■■■

जारीकर्ता- 

बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़

                         ★★★★★★★

Comments

Popular posts from this blog

नागपुर जंक्शन-दो दुनिया के लोग

          नागपुर जंक्शन!..  आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजधानी या कहिए हेड क्वार्टर!..डॉ भीमराव आंबेडकर की दीक्षाभूमि! अम्बेडकरवादियों की प्रेरणा-भूमि!  दो विचारधाराओं, दो तरह के संघर्षों की प्रयोग-दीक्षा का चर्चित स्थान!.. यहाँ दो व्यक्तियों को एक स्थान पर एक जैसा बन जाने का दृश्य है। दोनों बहुत कुछ अलग।  इन दोनों को आज़ादी के बाद से किसने कितना अलग बनाया, आपके विचारने के लिए है।  अमीर वर्ग, एक पूँजीवादी विचारधारा दूसरे गरीबवर्ग, शोषित की मेहनत को अपने मुनाफ़े के लिए इस्तेमाल करती है तो भी उसे क्या मिल जाता है?..  आख़िर, प्रकृति तो एक दिन दोनों को एक ही जगह पहुँचा देती है!... आप क्या सोचते हैं? ..  

मुझसे जीत के दिखाओ!..

कविता:                     मैं भी चुनाव लड़ूँगा..                                  - अशोक प्रकाश      आज मैंने तय किया है दिमाग खोलकर आँख मूँदकर फैसला लिया है 5 लाख खर्चकर अगली बार मैं भी चुनाव लड़ूँगा, आप लोग 5 करोड़ वाले को वोट देकर मुझे हरा दीजिएगा! मैं खुश हो जाऊँगा, किंतु-परन्तु भूल जाऊँगा आपका मौनमन्त्र स्वीकार 5 लाख की जगह 5 करोड़ के इंतजाम में जुट जाऊँगा आप बेईमान-वेईमान कहते रहिएगा बाद में वोट मुझे ही दीजिएगा वोट के बदले टॉफी लीजिएगा उसे मेरे द्वारा दी गई ट्रॉफी समझिएगा! क्या?..आप मूर्ख नहीं हैं? 5 करोड़ वाले के स्थान पर 50 करोड़ वाले को जिताएँगे? समझदार बन दिखाएँगे?... धन्यवाद... धन्यवाद! आपने मेरी औक़ात याद दिला दी 5 करोड़ की जगह 50 करोड़ की सुध दिला दी!... एवमस्तु, आप मुझे हरा ही तो सकते हैं 5 लाख को 50 करोड़ बनाने पर बंदिश तो नहीं लगा सकते हैं!... शपथ ऊपर वाले की लेता हूँ, आप सबको 5 साल में 5 लाख को 50 करोड़ बनाने का भरोसा देता हूँ!.. ताली बजाइए, हो सके तो आप भी मेरी तरह बनकर दिखाइए! ☺️☺️

आपके पास विकल्प ही क्या है?..

                          अगर चुनाव              बेमतलब सिद्ध हो जाएं तो? सवाल पहले भी उठते रहते थे!... सवाल आज भी उठ रहे हैं!... क्या अंतर है?...या चुनाव पर पहले से उठते सवाल आज सही सिद्ध हो रहै हैं? शासकवर्ग ही अगर चुनाव को महज़  सर्टिफिकेट बनाने में अपनी भलाई समझे तो?... ईवीएम चुनाव पर पढ़िए यह विचार~ चुनाव ईवीएम से ही क्यों? बैलट पेपर से क्यों नहीं? अभी सम्पन्न विधानसभा चुनाव में अनेक अभ्यर्थियों, नुमाइंदों, मतदाताओं ने ईवीएम में धांधली गड़बड़ी की शिकायत की है, वक्तव्य दिए हैं। शिकायत एवं वक्तव्य के अनुसार जनहित में वैधानिक कारवाई किया जाना नितांत आवश्यक है।।अतः चुनाव आयोग एवं जनता के हितार्थ नियुक्त उच्च संस्थाओं ने सभी शिकायतों को संज्ञान में लेकर बारीकी से जांच कर,निराकरण करना चाहिए। कई अभ्यर्थियों ने बैटरी की चार्जिंग का तकनीकी मुद्दा उठाया हैं जो एकदम सही प्रतीत होता है। स्पष्ट है चुनाव के बाद या मतगणना की लंबी अवधि तक बैटरी का 99% चार्जिंग  यथावत रहना असंभव~ नामुमकिन है।  हमारी जानकारी के अनुसार विश्व के प्रायः सभी विकसित देशों में ईवीम से चुनाव प्रतिबंधित है,बैलेट पेपर से चुनाव