Skip to main content

क्या है किसान आंदोलन को मजबूत करने की नई योजना?..

              क्या और व्यापक, और मजबूत होगा 

                                      किसान आंदोलन 


संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में जारी किसान आंदोलन अब आम लोगों की जिंदगी का हिस्सा बनने कोशिश कर रहा है। दिख रहा है कि अगर सरकार ऐसे ही आंदोलन की उपेक्षा करती रही तो किसान आंदोलन को जारी रखने के लिए न केवल उसे आम देशवासियों से जोड़ा जाएगा, बल्कि संघर्ष को भी और शक्तिशाली बनाया जाएगा। हरियाणा के किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद इसकी जरूरत और ज़्यादा बढ़ गई है। किसान आंदोलन इसके लिए खुद को न केवल और व्यापक बनाने की कोशिश कर रहा है बल्कि इसे समाज के वंचित वर्गों तक भी इसे ले जाने के लिए भी प्रयासरत है। शायद बुद्ध पूर्णिमा को मनाने का आह्वान भी इसकी एक क़वायद है!...

देखें, संयुक्त किसान मोर्चा की नई प्रेस विज्ञप्ति:

हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने हिंसक कार्रवाई की थी। इसमें अनेक किसानों को गहरी चोटें भी आई थी व कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी दिन किसानों के भारी विरोध के बाद पुलिस ने किसानों पर कोई केस न दर्ज करने का फैसला लिया था परंतु पुलिस ने 350 से अधिक किसानो के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर लिए। मुख्यमंत्री ने कोविड गाइडलाइंस को दरकिनार करते हुए अपने घमंड के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया था।

हरियाणा के किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 24 मई 2021 को हिसार कमिश्नरी का घेराव किया जाएगा। इसके लिए सुबह 10 बजे सभी किसान क्रांतिमान पार्क में इकट्ठे होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा आसपास के किसानों से अपील करता है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे। किसानों की मांग है उन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो जिन्होंने अमानवीय तरीके से किसानों पर हमले किये व लाठीचार्ज, आसूं गैस और पत्थरबाजी के सहारे किसानों के प्रदर्शन को रोका और मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जिन्होंने कोविड गाइडलाइंस को दरकिनार करके यह कार्यक्रम किया। इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब के सिनियर किसान नेताओ के साथ साथ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी पहुँचेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई के दिन देश भर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है और सभी देशवासियों से अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने की अपील की है। चूंकि इसी दिन भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव "बुद्ध पूर्णिमा" भी पड़ता है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला किया है कि उस दिन सभी मोर्चों और धरनों पर अपने अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।

किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर व केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन 26 मई को मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है। इस दिन मोदी सरकार के पुतले जलाने का भी आह्वान किया गया है। इस दिन देशवासियों से अपील है कि अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करें। इस मुहिम का देश की ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन खुलकर समर्थन कर रहे है। हम एक बार पुनः देशवासियों से अपील करते है कि इस दिन मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करें ताकि सरकार जनता विरोधी फैसले वापस ले और अपनी जिम्मेदारी निभाये।

शहीद भगत सिंह के भाई कुलबीर सिंह के बेटे अभय संधू का निधन 15 मई को हो गया था। अभय सन्धु भी अपने जीवन मे अनेक आंदोलनों का हिस्सा रहें। वे किसान आंदोलन की भी एक महत्वपूर्ण आवाज थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें पगड़ी संभाल दिवस पर सम्मानित किया था। कल मोहाली में उनके लिए अंतिम अरदास होगी व साथ ही दिल्ली के आसपास सभी धरना स्थलों पर किसानों द्वारा उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी।

जारीकर्ता - 

बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव, अभिमन्यु कोहाड़

                                   ★★★★★★★

Comments

Popular posts from this blog

नागपुर जंक्शन-दो दुनिया के लोग

          नागपुर जंक्शन!..  आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजधानी या कहिए हेड क्वार्टर!..डॉ भीमराव आंबेडकर की दीक्षाभूमि! अम्बेडकरवादियों की प्रेरणा-भूमि!  दो विचारधाराओं, दो तरह के संघर्षों की प्रयोग-दीक्षा का चर्चित स्थान!.. यहाँ दो व्यक्तियों को एक स्थान पर एक जैसा बन जाने का दृश्य है। दोनों बहुत कुछ अलग।  इन दोनों को आज़ादी के बाद से किसने कितना अलग बनाया, आपके विचारने के लिए है।  अमीर वर्ग, एक पूँजीवादी विचारधारा दूसरे गरीबवर्ग, शोषित की मेहनत को अपने मुनाफ़े के लिए इस्तेमाल करती है तो भी उसे क्या मिल जाता है?..  आख़िर, प्रकृति तो एक दिन दोनों को एक ही जगह पहुँचा देती है!... आप क्या सोचते हैं? ..  

मुझसे जीत के दिखाओ!..

कविता:                     मैं भी चुनाव लड़ूँगा..                                  - अशोक प्रकाश      आज मैंने तय किया है दिमाग खोलकर आँख मूँदकर फैसला लिया है 5 लाख खर्चकर अगली बार मैं भी चुनाव लड़ूँगा, आप लोग 5 करोड़ वाले को वोट देकर मुझे हरा दीजिएगा! मैं खुश हो जाऊँगा, किंतु-परन्तु भूल जाऊँगा आपका मौनमन्त्र स्वीकार 5 लाख की जगह 5 करोड़ के इंतजाम में जुट जाऊँगा आप बेईमान-वेईमान कहते रहिएगा बाद में वोट मुझे ही दीजिएगा वोट के बदले टॉफी लीजिएगा उसे मेरे द्वारा दी गई ट्रॉफी समझिएगा! क्या?..आप मूर्ख नहीं हैं? 5 करोड़ वाले के स्थान पर 50 करोड़ वाले को जिताएँगे? समझदार बन दिखाएँगे?... धन्यवाद... धन्यवाद! आपने मेरी औक़ात याद दिला दी 5 करोड़ की जगह 50 करोड़ की सुध दिला दी!... एवमस्तु, आप मुझे हरा ही तो सकते हैं 5 लाख को 50 करोड़ बनाने पर बंदिश तो नहीं लगा सकते हैं!... शपथ ऊपर वाले की लेता हूँ, आप सबको 5 साल में 5 लाख को 50 करोड़ बनाने का भरोसा देता हूँ!.. ताली बजाइए, हो सके तो आप भी मेरी तरह बनकर दिखाइए! ☺️☺️

आपके पास विकल्प ही क्या है?..

                          अगर चुनाव              बेमतलब सिद्ध हो जाएं तो? सवाल पहले भी उठते रहते थे!... सवाल आज भी उठ रहे हैं!... क्या अंतर है?...या चुनाव पर पहले से उठते सवाल आज सही सिद्ध हो रहै हैं? शासकवर्ग ही अगर चुनाव को महज़  सर्टिफिकेट बनाने में अपनी भलाई समझे तो?... ईवीएम चुनाव पर पढ़िए यह विचार~ चुनाव ईवीएम से ही क्यों? बैलट पेपर से क्यों नहीं? अभी सम्पन्न विधानसभा चुनाव में अनेक अभ्यर्थियों, नुमाइंदों, मतदाताओं ने ईवीएम में धांधली गड़बड़ी की शिकायत की है, वक्तव्य दिए हैं। शिकायत एवं वक्तव्य के अनुसार जनहित में वैधानिक कारवाई किया जाना नितांत आवश्यक है।।अतः चुनाव आयोग एवं जनता के हितार्थ नियुक्त उच्च संस्थाओं ने सभी शिकायतों को संज्ञान में लेकर बारीकी से जांच कर,निराकरण करना चाहिए। कई अभ्यर्थियों ने बैटरी की चार्जिंग का तकनीकी मुद्दा उठाया हैं जो एकदम सही प्रतीत होता है। स्पष्ट है चुनाव के बाद या मतगणना की लंबी अवधि तक बैटरी का 99% चार्जिंग  यथावत रहना असंभव~ नामुमकिन है।  हमारी जानकारी के अनुसार विश्व के प्रायः सभी विकसित देशों में ईवीम से चुनाव प्रतिबंधित है,बैलेट पेपर से चुनाव