स्त्रियों के विरुद्ध बढ़ते अपराध हत्या-बलात्कार के मुख्य कारण ~ अशोक प्रकाश कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी महिला डाक्टर से बलात्कार और हत्या के समाचारों ने पूरे देश को आंदोलित कर दिया। इस जघन्य अपराध के खिलाफ़ यह प्रतिक्रिया उचित भी थी और जरूरी भी। इसे निर्भया-2 भी कहा गया। हमारा पुरुषप्रधान समाज जिस तरह कुंठित जीवन जीता है, विशेषकर स्त्री और यौन-संबंधों के मामले में, वहाँ इस तरह के अपराध अब समाज की प्रकृति बन गए हैं। पश्चिमी देशों में अश्लीलता को लेकर स्यापा करने वाले तथाकथित 'सनातनी' अपने देश में ऐसे अपराधों के लिए भी 'पश्चिम की संस्कृति' को दोषी ठहराते देखे जा सकते हैं। लेकिन, दरअसल यह अपने समाज के अपराध को छुपाने की एक प्रवृत्ति है। यौन अपराध छिपाने की इस प्रवृत्ति से यह खत्म होने या कम होने के बजाय और बढ़ती है। लेकिन समाज में ऐसी हिंसा की शिकार औरतों को जिस नज़रिए से देखा जाता है, उससे प्रायः ऐसी घटनाओं का दोषी उन पीड़ित महिलाओं को ही मान लिया जाता है। उनके कपड़े पहनने, देखने, चल
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.