तंत्रलोक के किस्से यार
-- अशोक प्रकाश
ये किसकी जीत ये किसकी हार!
इक हौली में चार पियक्कड़
अक्कड़ बक्कड़ लाल बुझक्कड़
तय है वादा तय है रोना
तय है खोना तय है सोना
तय है किस पर पड़नी मार...
ये किसकी जीत ये किसकी हार!
रामसिंह के रमरजवा नौकर
किसके पेट पे किसकी ठोकर
चार हजार में कर मज़दूरी
रामसिंह कहें ये मजबूरी
किसके सइकिल किसके कार...
ये किसकी जीत ये किसकी हार!
खेती-बाड़ी मुश्किल काम
न दिन आराम न रात आराम
खाद-बीज-पानी के चक्कर
राधा-कृष्ण बने घनचक्कर
उमर हो गई सत्तर पार...
ये किसकी जीत ये किसकी हार!
बड़का लड़का पड़ा बीमार
नौकरी-चाकरी कुछ न यार
छोटकी की पहले परवाह
कैसे होगा इसका ब्याह?
क्षीण पड़ रही जीवन-धार...
ये किसकी जीत ये किसकी हार!
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