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संयुक्त किसान मोर्चा (पंजाब) नहीं लड़ेगा चुनाव!

                        चुनावों से नहीं, आंदोलन से ही 

                  बदलेगी किसानों की तक़दीर

★ संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा पंजाब विधानसभा चुनाव, एक दर्जन के लगभग बड़े संगठनों ने जनसंघर्ष जारी रखने का किया ऐलान।

★ चुनावो के लिए कोई भी व्यक्ति या संगठन SKM या 32 संगठनों का नाम प्रयोग न करें।

      संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने स्पष्ट किया है कि वे पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे है।  यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल व डॉ.दर्शनपाल ने दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो देश भर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है जो केवल किसानों के मुद्दों पर बना है। न तो चुनाव के बहिष्कार का कोई आह्वान नहीं है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है।  उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद संघर्ष को स्थगित कर दिया गया है, शेष मांगों पर 15 जनवरी को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा.

         पंजाब में 32 संगठनों के बारे में उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप से चुनाव में जाने को लेकर आम सहमति नहीं थी. उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति या संगठन संयुक्त किसान मोर्चा या 32 संगठनों के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे. ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

         नेताओं ने स्पष्ट किया कि 32 संगठनों के सामने क्रांतिकारी किसान यूनियन (डॉ दर्शनपाल), बीकेयू क्रांतिकारी (सुरजीत फूल), बीकेयू सिद्धूपुर (जगजीत डल्लेवाल), आजाद किसान कमेटी दोआबा (हरपाल संघा), जय किसान आंदोलन (गुरबख्श बरनाला), दसूहा गन्ना संघर्ष कमेटी (सुखपाल डफर), किसान संघर्ष कमेटी पंजाब (इंदरजीत कोटबूढ़ा), लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी (बलदेव सिरसा) और कीर्ति किसान यूनियन पंजाब (हरदेव संधू) ने चुनाव लड़ने के खिलाफ स्पष्ट रुख रखा है।

 जारीकर्ता: गुरमीत सिंह महिमा- 9814178119, सुरजीत सिंह फूल- 8847614374

इसी परिप्रेक्ष्य में संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि चंडीगढ़ में पंजाब के कुछ किसान संगठनों द्वारा "संयुक्त समाज मोर्चा" के नाम से पंजाब के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा की यह नीति है कि हमारे नाम और मंच का इस्तेमाल किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का चुनाव में इस्तेमाल करना मोर्चे के अनुशासन का उल्लंघन होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल जो किसान संगठन या नेता चुनाव में भाग लेते हैं, वह मोर्चे में शामिल रह सकते हैं या नहीं, इसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी की आगामी राष्ट्रीय बैठक में फैसला लिया जाएगा।

यह बयान संयुक्त किसान मोर्चा की कोआर्डिनेशन कमेटी के निम्नलिखित सदस्यों की सहमति से जारी किया गया: दर्शन पाल, हन्नान मौला, जोगिंदर सिंह उग्राहन, जगजीत सिंह दल्लेवाल, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, शिव कुमार शर्मा "कक्काजी"।

                                  ★★★★★★★

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