किसान संघर्षों के
नए आयाम
किसान आंदोलन के प्रचार प्रसार में अहम योगदान निभाने वाले टि्वटर अकाउंट ट्रैक्टर टू ट्विटर को एक मीडिया संगठन द्वारा मानहानि का नोटिस भेजा गया है। यह अकाउंट पूर्ण रूप से तथ्यों के आधार पर अपने विचार रख रहा है। इस तरह से मानहानि के नोटिस भेजना किसानों की आवाज दबाने से बराबर है। संयुक्त किसान मोर्चा इस कदम की सख्त निंदा करता है। इस एकाउंट के संबंधित व्यक्ति पूरी कानूनी कार्रवाई में शामिल होंगे और अपना पक्ष रखेंगे।
पिछले दिनों से खराब मौसम के चलते तूफान व बारिश से किसानों के टेंट उखड़ गए थे जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ था। मंगलवार से ही किसानों ने धरनास्थलों पर सफाई करते हुए फिर से प्रबंध करना शुरू कर दिया था। किसान लगातार मेहनत कर अपने रहने व लंगर बनाने का प्रबंध कर रहे है।
शाहजहांपुर बॉर्डर पर भारी नुकसान के बाद जनसहयोग व जन कल्याण के संगठनों द्वारा किसानों के टेंट व अन्य प्रबंधन किये गए। अब किसानों ने पहले से बेहतर स्थिति में टेंट लगाए हैं व धरना प्रदर्शन जारी रखा है। सरकार के किसानों को हिंसक दिखाने के अनेक प्रयासों के बाद भी किसान शांतमयी प्रदर्शन कर रहे है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान लगातार दिल्ली मोर्चो पर पहुंच रहे है। आज भी सैंकड़ो की संख्या में किसान सिंघू बॉर्डर पहुंचे। किसान नेताओ ने जत्थों का स्वागत करते हुए मोर्चो को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी।
ऐसा लगता है कि किसान अब लंबे संघर्ष की तैयारी में है। पहले किसानों ने 6 महीने की तैयारी की थी पर सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही है। किसानों ने अपनी मांगे माने जाने तक धरना जारी रखने का संकल्प लिया है और सभी तरह के प्रबंध भी कर लिए है। यास तूफान के चलते धरना स्थलों पर टेंटों को जो नुकसान हुआ था उसे भी ठीक कर लिया गया है। साथ ही धरना स्थल पर विशेषकर पंजाब और हरियाणा से नए-नए जत्थों का आना भी जारी है!
- संयुक्त किसान मोर्चा के प्रेस-नोट पर आधारित।
★★★★★★★
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