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शहीद-दिवस: 23 march


                         आज 23 मार्च है!...

 


शहीद भगतसिंह-राजगुरु-सुखदेव की फाँसी की तारीख पहले 24 मार्च निश्चित की गई थी। किन्तु उन्हें 23 मार्च को ही फाँसी दे दी गई!

अगर ऐसा होता तो हो सकता है हम शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहादत-दिवस हम 23 मार्च की जगह 24 मार्च को मना रहे होते!...

हो सकता है 1931 में कांग्रेस का वह अधिवेशन कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया होता!...


हो सकता है इन शहीदों को भी 'कालापानी' की सजा हो जाती और वे 1947 के बाद भी सक्रिय होते!...


हो सकता है जमीन के 'राष्ट्रीयकरण' ताकि उस पर सामूहिक-खेती हो सके...और कारखानों का राष्ट्रीयकरण ताकि मज़दूरों को कम से कम नियमित और निश्चित मज़दूरी मिल सके-सभी मज़दूरों को पेंशन,बोनस,फंड मिल सके...आदि शहीदों की देश की जनता के लिए की जाने वाली ये साधारण सी मांगें 1947 के बाद पूरी हो गई होतीं!...


हो सकता है उनके सपनों का भारत भले न बन पाता, हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईशाई-ब्राह्मण-दलित-सवर्ण-पिछड़े का भेद न कर सरकारें सबकी आजीविका-रोजगार...आवास...कपडे-लत्ते की सामान्य सी व्यवस्था कर दी होतीं!...


हो सकता है जाति या धर्म के आधार पर भेद और उत्पीड़न को समाज में अपराध की तरह प्रचार-प्रसार करने के लिए सरकारों ने हर संभव प्रयास किए होते और फिर भी किसी को उत्पीड़ित करने की  मध्ययुगीन हरकतों पर किसी के भी खिलाफ सचमुच कठोर कार्रवाई हो सकती!...


हो सकता है  लुटेरी विदेशी कंपनियों को 'विदेशी-निवेश' के नाम पर देश में आमंत्रित करने और जल-जंगल-जमीन के जनता के प्राकृतिक संसाधनों को उन्हें सौंपने के लिए हमारे देश के किसी नेता को पूरी दुनिया में भागा-भागा न फिरना पड़ता!...हो सकता है देश के पूंजीपति अरबों-खरबों की संपत्ति के मालिक न होकर आम नागरिक की तरह देश के निर्माण और प्रगति में अपनी स्वाभाविक भूमिका निभा रहे होते!...


....क्यों नहीं हुआ यह सब?...


....क्यों नहीं हुआ यह सब?...


इसीलिए...हाँ...


शहीद भगत सिंह-राजगुरु-सुखदेव इसीलिए 23-24 मार्च को ही नहीं सच्चे देशप्रेमियों और अन्याय-शोषण-अत्याचार की चक्की में पिसते लोगों हर दिन याद आते हैं!...और तब तक याद आते रहेंगे, देश के लिए- उनके सपनों को पूरा करने के लिए जान क़ुर्बान करने का उनमें जज़्बा पैदा करते रहेंगे जब तक सचमुच की किसानों-मज़दूरों-उत्पीड़ितों की अपनी व्यवस्था नहीं बन जाती!...


                               ★★★★★★

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