Skip to main content

Posts

किसानों का 'दिल्ली चलो!'

प्रेस-विज्ञप्ति:                           29-30 नवम्बर दिल्ली चलो! मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ की गयी धोखाधड़ी के खिलाफ देश भर से किसानों का “दिल्ली मार्च”: साथियों! 2014 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा ने देश के किसानों से कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप फसलों का डेढ़ गुना दाम देने का वायदा किया था. यही नहीं उन्होंने देश के लोगों को अच्छे दिन लाने का वायदा भी किया था. पर अपने साढे चार साल के शासन में इस सरकार ने न सिर्फ देश के किसानों के साथ खुला धोखा किया बल्कि अपनी कारपोरेट परस्ती के कारण आज देश को आर्थिक कंगाली के कागार पर खड़ा कर दिया है. जो मोदी सरकार घाटे की खेती के कारण आत्महत्या को मजबूर देश के किसानों की कर्ज माफी को तैयार नहीं है, वही सरकार देश के सभी संशाधनों पर कब्जा जमा कर अति मुनाफ़ा लूट रहे देश के बड़े पूंजीपतियों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का बैंक कर्ज इसी साल बट्टे खाते में डाल चुकी है. इस सरकार ने अपने एक चहेते पूंजीपति के लिए जह...

Joint Forum for Movement on Education Convention:

हे राम! हाय राम!!...

  हे राम! हाय राम!!...                                                - अशोक प्रकाश हे राम! महत्त्वपूर्ण यह नहीं कि तुम कब थे? या तुम नहीं थे! महत्त्वपूर्ण यह है कि तुम हो... कहाँ हो? 'रामायण' में, 'उत्तर राम चरितं' में, कबीर की साखियों और पदों में, 'राम चरित मानस' में, 'कम्बन रामायण' में, 'रामचंद्रिका' में, 'मेघनाथ वध काव्य' में, रवींद्र के 'काब्बेर उपेक्षिता' में, महावीर प्रसाद द्विवेदी के- 'कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता' में, मैथिली शरण गुप्त के 'साकेत' में, निराला की- 'राम की शक्तिपूजा' और 'तुलसीदास' में, ललई यादव की 'सच्ची रामायण' में, नरेन्द्र कोहली की 'रामकथा' में, भगवान सिंह के 'अपने-अपने राम' में, रामानन्द सागर के 'रामायण' में, चंदन एन सिंह लिखित- जी-टीवी के 'रावण' में, मणिरत्नम की फ़िल्म 'रावण' में... हे राम!... तुम कहाँ-कहाँ हो?.. कैसे-कैसे हो?... तुम हो तो रावण भी है रामराज है तो रावणराज भी है... न जाने कितने लोग दिहाड़ी न पाने पर...

Higher Education:

             Corporatization of Higher Education                                                   System                                          - SECRETARY, AIFUCTO The government of India(MHRD) has brought out a draft bill to scrap the present University Grants Commission and to substitute it with a Higher Education Commission of India (HECI).The UGC was formed in 1956 in the back ground of the ideals enshrined in the Indian Constitution duly reflected in the observation of the first National Commission on Education headed by the erudite scholar Dr.Sarvapalli Radhakrishan.They formulated the foundation stone of our education system on the ideals of democracy,socialism,secularism and scientific thought. Afte...

पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन:

      पुरानी पेंशन बहाली तय करेगी कि केंद्र सरकार प्रजातांत्रिक है                                            या                      बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कब्जे में!...                                         प्रस्तुति: विजय कुमार बन्धु               90 के दशक में उदारीकरण का दौर भारत मे आरंभ हुआ। बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में पैर पसारने के लिए लालायित होने लगी। वे देश में अपने हित साधने के लिए लिए केंद्र सरकार के ऊपर दबाव बनाने लगे और कामयाब भी हुए। उदारीकरण के दौर का पहला बड़ा शिकार केंद्र और राज्य के लगभग 50 लाख शासकीय कर्मचारी हुए।            बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने दबाव समुह के माध्यमो से केंद्र सरकार के कान भर दिए की शासकीय...

मन्त्र की शिक्षा:

                     विद्यालयों में अनिवार्य  गायत्री-मन्त्र                           अंधविश्वास का विनाश या विकास               क्या आप   'आइए, अंधविश्वास खत्म करें! ' के दिव्य उद्घोष के साथ अंधविश्वास फैलाने का 'श्रीगणेश' कर सकते हैं?...  उत्तर देने या हाँ-ना कहने के पहले कुछ देर  सोचिए जरूर!                 क्या उत्तर मिला?...              जी, मुझे तो इसका उत्तर 'हाँ!' मिला है। मिला ही नहीं, बाकायदे घोषणा की गई है, आदेश निकाला गया है कि अंधविश्वास से लोगों को बचाने के लिए लोगों को 'गायत्री मंत्र' का जाप करना होगा!...वह भी बच्चों को! ये कौन सी उलटबांसी है? कहते हैं कि किसी जमाने में लोग मन्त्र पढ़कर आग जला देते थे, पानी बरसा देते थे, तूफान ला देते थे!...क्या आप इस पर विश्वास करते हैं?...तब आप इस पर भी विश्वास कर सकते हैं कि ग...

Higher Education Commission of India

                  Observations and Comments on                 Repealing of UGC and Creation of            Higher Education Commission of India  ● Rajebroy,  Presidentresident, Duta:   DUTA's preliminary response (Note: a more detailed and comprehensive response will follow after the DUTA Executive formally deliberates over the Draft Bill. A detailed response will be sent to the MHRD and shared with the Press.)  1.The MHRD envisages a systemic overhaul in Higher Education through repealing the UGC Act and creating in its place a new agency called Higher Education Commission of India. It is, however, not clear why this overhaul is necessary and how it will address the needs of higher education in a better way.  2. The present structure is being completely replaced without providing a detailed study of its founding goals, achievem...