परीक्षा सामने है:
आपका ध्यान किधर है?
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की शुरुआत में विद्यार्थियों को परेशान होना स्वाभाविक है! उस पर ओएमआर से परीक्षा होगी या लघु/दीर्घ प्रश्नोत्तर पद्धति से यह दुविधा उन्हें और सता रही है। व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन में भी इससे परेशानी आ रही है। लेकिन इससे किसी भी प्रकार के सवाल आने पर उसके लिए तैयार रहना भी विद्यार्थियों के लिए आसान हो रहा है यदि वे परीक्षा के प्रति गम्भीर और सचेत हैं।
इस विषय पर इसके पहले कम समय में परीक्षा की तैयारी कैसे करें विषयक लेख में विद्यार्थियों को विस्तार से समझाया गया है कि हिन्दी काव्यधारा के जिन 20 महत्वपूर्ण कवियों को उनके पाठ्यक्रम में स्थान दिया गया है उनके बारे में मुख्य सूचनाएं और उनकी रचनाशीलता की सामान्य विशेषताओं को विद्यार्थी पहले नोट बनाकर तैयारी कर लें। उसके पश्चात प्रत्येक युग के कम से कम दो कवियों के विस्तृत उत्तर तैयार कर लें। उदाहरणार्थ आदिकाल के गोरखनाथ और विद्यापति, भक्तिकाल के कबीर और तुलसीदास, रीतिकाल के बिहारीलाल और घनानंद, आधुनिक काल या छायावाद के जयशंकर प्रसाद और निराला तथा छायावादोत्तर कवि अज्ञेय और नागार्जुन से सम्बंधित प्रश्न इस प्रकार की प्रायः हर परीक्षा में पूछे जाते हैं। इसी तरह इन कवियों की कविताएँ भी व्याख्या के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इसलिए विद्यार्थियों को सबसे पहले अधिक समय देकर इन्हें तैयार कर लेना चाहिए। लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि अन्य कवियों से प्रश्न नहीं पूछे जाते। सुविधा की दृष्टि से कम से कम इतना तैयार कर लेना कम मेहनत करने वाले कमजोर विद्यार्थियों के लिए बेहतर हो सकता है।
दूसरी बात लघु और वस्तुनिष्ठ प्रश्न तैयार कर लेना विद्यार्थियों के लिए हमेशा परीक्षा को आसान बना देता है। इससे कम से कम वे किसी भी प्रश्न के पूछे जाने पर कुछ उत्तर तो दे ही सकते हैं। इस संदर्भ में निम्न लेखों को पढ़ना विद्यार्थियों की राह आसान कर सकता है:
1. https://shaikshichetna.blogspot.com/2022/03/blog-post.html
2. https://shaikshichetna.blogspot.com/2022/02/1.html
3. https://shaikshichetna.blogspot.com/2022/02/blog-post_23.html हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखक
4. https://shaikshichetna.blogspot.com/2022/01/blog-post.html नाथ सम्प्रदाय
~~~ क्रमशः
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