ऐसा नहीं होना चाहिए!...
कभी नहीं और कहीं नहीं होना चाहिए!...
?! ?! ?! ?! ?! ?! ?!
लगता है जैसे कोई ललकार रहा हो! हिम्मत है तो आ- हमारा लगता है जैसे कोई ललकार रहा हो!...हिम्मत है तो आ- हमारा सामना कर!...
महाभारत का यह उद्धत-आह्वान-'युद्धं देहि!...' उन सबको पसंद है जो शेरदिल हैं और तमाम प्राणियों के साथ इंसानों को भी जैसे खा जाने में विश्वास करते हैं! 'वीरभोग्या बसुंधरा' सिद्धांत के ये हिमायती 'राजा राज करने के लिए पैदा होता, प्रजा सेवा करने के लिए' -में भी विश्वास करते हैं और इसमें भी कि 'अमीर-गरीब, ऊंच-नीच, अच्छे-बुरे सब ऊपर वाले के बनाए होते हैं... और इसमें भी कि अमीर, ऊंच, अच्छा होना उनका जन्मजात अधिकार है!
तो मारे जाने वालों, तुम मारे जाने के लिए ही पैदा हुए थे!...
....और हे मृतकों के शवों पर रोने वालों और इनके मरने पर मातम मनाने वाले देशवासियों, तुम व्यर्थ चिंतित हो रहे हो!...देखो तो, इनकी तरह तुम भी मरे ही हुए हो!
- कौन हैं वे लोग जो शांतिप्रिय मेरे देश की शांतिप्रिय जनता को इस तरह ललकार रहे हैं?...हमारे हमवतन तो नहीं हो सकते, हमारे देश के अपने लोग अपनों को ही ऐसा कैसे ललकार सकते हैं??...
या फिर ये महाभारत-काल ही है?...
हल-बैल गंवा चुके फिर भी रात-दिन खेतों में काम कर काले पड़ चुके हे किसान-कृष्ण!...तुम कहाँ हो, किसके साथ हो?...हिंस्र शेर या सूअर जैसे जानवरों के साथ या रोटी-प्याज-नमक पर गुज़ारा करते, दूध-माखन के लिए ता-उम्र तरसते इंसानों के साथ???...
और कौन हैं ये जो तुम्हें ललकारते-ललकारते तुम्हारी हत्याओं तक पर उतारू हैं? वे मार रहे हैं!...यहाँ-वहाँ मार रहे हैं!
निहत्थों, पर्यावरण और आजीविका का विनाश न करने का अनुरोध करने वालों को मारने वाले ये लोग सचमुच क्या इसी धरती के इंसान हैं या वे इंसान नहीं सिर्फ़ बेबस-हथियार हैं, यन्त्र हैं, रोबोट हैं!?? इज़राइल से खरीदे गए 'एक दुश्मन-एक गोली!' बन्दूक चलाने वाले 'स्नाइपर' कौन तैनात कर रहा है, क्यों तैनात कर रहा है?...
इंसान को रोबोट बनाने की यह प्रक्रिया लुटेरी कम्पनियों के लिए-लुटेरी कम्पनियों द्वारा मुनाफ़ा बनाम लूट के नाम पर चलाने वाले क्या अंग्रेज़ ही हैं या अंग्रेजों से भी बड़े अंग्रेज़ ?!...
तूतीकोरिन-तमिलनाडु का हत्याकांड इसीलिए बरबस जलियांवाला-कांड की याद दिलाता है।...और महाभारत का भी!
आप कहाँ हैं?...किसके साथ खड़े हैं????? ★★★
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