बजट पेश भा, ताली पीटो...
-अरविंद तिवारी
बजट पेस भा, ताली पीटो, और मचाओ शोर
रँग-बिरंग चमकीले बादल फैल गये सब ओर।
व्यापारिन का छूट मिली है, मध्यवर्ग का लूट
अउर किसानन का बाँटिन हैं मीठी लेमनचूस॥
खेती औ सिक्छा के कर मा और बढ़ा अधिभार
लेकिन ख़र्चा काट लिहिन हैं, पक्के डंडीमार॥
लरिकन केर खेलौना महँगा बुढ़वन कै चश्मा
बाद मरे के पैसा पैहौ, किहे देत बीमा॥
और बताओ का चाहत हौ, खुस हैं श्री यमराज
अब चुनाव के बाद भोगिहौ, का बतलाई आज॥
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