लोक संस्कृति और लोक नृत्य: मुखौटा लोकनृत्य
देश के #लोकगीत और लोकनृत्य जनता की धरोहर हैं।
इन्हें बचाए रखना, इन्हें प्रचारित-प्रसारित करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। दरअसल, हमारे लोकजीवन और #लोक_संस्कृति को विकृत करने ध्वस्त करने या फिर remix के नाम पर नष्ट कर देने की प्रक्रिया उदारीकरण-वैश्वीकरण की शुरुआत के साथ ही पिछली शताब्दी में ही तेज हो गई थी...
ताकि विकसित होती उपभोक्ता-संस्कृति को आसानी से लोग स्वीकार कर लें। हम देखते हैं कि यह कोशिश काफी हद तक सफल भी हो गई/रही हैं।...
कैसे बचेगा हमारा #लोकजीवन, हमारी लोक-संस्कृति? यह सवाल हम सबके सामने है। ...
हमारी कोशिश होनी चाहिए कि जिस तरह भी हो, इसे बचाया जाए, लोगों तक पहुँचाया जाए!...
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