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ये अमीर, वो गरीब!

          नागपुर जंक्शन!.. 


यह दृश्य नागपुर जंक्शन के बाहरी क्षेत्र का है!
दो व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं। दोनों की स्थिति यहाँ एक जैसी दिख रही है- मनुष्य की आदिम स्थिति!

यह स्थान यानी नागपुर आरएसएस- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजधानी या कहिए हेड क्वार्टर है!..यह डॉ भीमराव आंबेडकर की दीक्षाभूमि भी है। अम्बेडकरवादियों की प्रेरणा-भूमि! 

दो विचारधाराओं, दो तरह के संघर्षों की प्रयोग-दीक्षा का चर्चित स्थान!..एक विचारधारा पूँजीपतियों का पक्षपोषण करती है तो दूसरी समतामूलक समाज का पक्षपोषण करती है।

यहाँ दो व्यक्तियों को एक स्थान पर एक जैसा बन जाने का दृश्य कुछ विचित्र लगता है। दोनों का शरीर बहुत कुछ अलग लगता है। कपड़े-लत्ते अलग, रहन-सहन का ढंग अलग।

इन दोनों को आज़ादी के बाद से किसने कितना अलग बनाया, आपके विचारने के लिए है। कैसे एक अमीर बना और कैसे दूसरा गरीब, यह सोचना भी चाहिए आपको।

यहाँ यह भी सोचने की बात है कि अमीर वर्ग, एक पूँजीवादी विचारधारा दूसरे गरीबवर्ग, शोषित की मेहनत को अपने मुनाफ़े के लिए इस्तेमाल करती है तो भी अन्ततः उसे क्या हासिल होता है?.. 

आख़िर, प्रकृति तो एक दिन दोनों को एक ही जगह पहुँचा देती है!...फिर इतना शोषण-अत्याचार क्यों?...

आप क्या सोचते हैं?...बताइएगा! ■■■

 


Comments

  1. एक पेट के भार से परेशान है और दूसरा कंधे के भार से मतलब एक ज्यादा खाकर परेशान है और दूसरा खाने के अभाव से परेशान है
    फिर भी प्रकृति कोई भेदभाव नहीं कर रही है फिर भी हम मानव में न जाने कहां से अनेकों प्रकार के भेदभाव की उपज हो जाते हैं।

    ReplyDelete
  2. जनदृष्टि27 October 2024 at 20:19

    जी!..प्राकृतिक नींद ने तो दोनों को एक सा बना दिया किंतु धनपशुता जागृत होने पर गरीब को दुत्कारने लगती है!

    ReplyDelete

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