🛑रिपोर्ट:🛑
संगोष्ठी
देश के हालात और नौजवानों का रास्ता
7 जनवरी 2018 नरवाना हरियाणा। आज नौजवान भारत सभा द्वारा हरियाणा के नरवाना जिले में जाट धर्मशाला में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय था- ‘देश के हालात और नौजवानों का रास्ता।‘ इस सेमिनार में हरियाणा के अलग-अलग जिलों से कई नौजवानों ने भाग लिया। अध्यक्ष मण्डल के तौर पर मौजूद रामधारी खटकड़ जो हरियाणा के एक जाने-माने संस्कृतिकर्मी है और साथ ही नौजवान भारत सभा के सुनील मौजूद रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत क्रांतिकारी गीतों और रामधारी खटकड़ की रागनियों के साथ हुई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर नौभास के राष्ट्रीोय अध्यक्ष इंद्रजीत ने अपनी बात रख कर इस विषय पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंकने ने बताया कि आज के मौजूदा हालात में जब एक तरफ जनता बढ़ती बेरोजगारी, बेलगाम महंगाई, शिक्षा के निजीकरण, जातिवाद, सांप्रदायिक-कट्टरता आदि जैसे समस्याओं से जूझ रही है तब उस समय में तब उस दौर में आम जनता को असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनके सामने गैरजरूरी मुद्दे उछाले जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस देश के लगभग 30 करोड़ लोग बेरोजगार है और रोजगार की दर साल दर साल घटती जा रही है। अगर हम केंद्र सरकार की बात करें तो आज लगभग 410550 पद खाली पड़े हैं प्राइमरी और अपर-प्राइमरी के अध्यापकों की करीब एक लाख से ज्या दा पद खाली पड़े हैं। वही पुलिस विभाग में लगभग साढ़े पांच लाख पद खाली हैं। देश के 47 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 6000 पद खाली पड़े हैं। 363 राज्य विश्वविद्यालयों में 63001 दिया है। वही जब हम स्वास्थ्य विभाग की बात पर आते हैं तो इस समय देश के 36 हजार सरकारी अस्पतालों में दो लाख से ज्यादा डॉक्टरों की पद खाली पड़े हैं और उसके अलावा 11,500 मनोचिकित्सकों के पद भी रख रिक्त पड़े हैं। वह नजर अगर भर्तियों पर डाली जाए तो 2016 में करीब 1,50,0000 अभ्यर्थियों ने SSC CGL की परीक्षा दी थी जिसमें 10661 का नौकरी के लिए चुनाव हुआ पर 5 अगस्त 2017 को नतीजा भी आया पर नियुक्ति के नाम पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसी प्रकार रेलवे में गैर तकनीकी पदों के हेतु 18000 की भर्ती का विज्ञापन आया था और परीक्षा प्रक्रिया के बीच में 4000 पदों को कम कर दिया गया । यह तमाम आंकड़े यह बात साफ करते हैं कि सरकार जानबूझकर नौकरियों के खाली स्थान है। उनको भरने की कोई कोशिश नहीं कर रही है नौकरी अगर निकाली भी जारी है तो उसी मुहावरे को चरितार्थ करती हैं कि ऊंट के मुंह में जीरा। साथी इंद्रजीत ने कहा कि आज के युवा आंदोलन को बुनियादी मुद्दों और आम जनता की जरूरतों के मस्सों पर केंद्रित होकर दोबारा से शुरू करने की जरूरत है। आज जब लोगों को जाति के नाम पर धर्म मजहब और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने की कवायद जारी है तो ऐसे में इस देश के नौजवानों को आगे आकर शहीदों की विरासत को आगे बढ़ाने के अपने कंधों पर लेना होगा। आगे कार्यक्रम के दौरान साथी रमेश में बात करते हुए बताया कि किस तरीके से सांप्रदायिक ताकतों ने देश में अपना जड़ जमाने का काम किया है और किस तरीके से वह लोगों को आपस में बांटने के लिए उनके सामने से असल मुद्दों को गायब कर देना चाहते हैं ये हमें समझने की जरूरत है साथ् ही रमेश ने सांप्रदायिक ताकतों के इतिहास के बारे में भी लोगों को अवगत कराया।
कार्यक्रम के अंत सेमिनार में मौजूद नौजवानों ने एक रैली के रूप में की। रैली नरवाना शहर में घूमती हुई अंत में शहीद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु की प्रतिमा के समक्ष समाप्त हुई यह नौजवानों ने यह संकल्प लिया कि क्रांतिकारियों की विरासत को आजादी के उनके ख्वाब को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी लेते हुए नौजवान भारत सभा अपने काम को आगे बढ़ाइए और जनता को शिक्षा रोजगार स्वास्थ्य आदि जैसे मुद्दों पर एकजुट करने का काम करेगी ।
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संगोष्ठी
देश के हालात और नौजवानों का रास्ता
7 जनवरी 2018 नरवाना हरियाणा। आज नौजवान भारत सभा द्वारा हरियाणा के नरवाना जिले में जाट धर्मशाला में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय था- ‘देश के हालात और नौजवानों का रास्ता।‘ इस सेमिनार में हरियाणा के अलग-अलग जिलों से कई नौजवानों ने भाग लिया। अध्यक्ष मण्डल के तौर पर मौजूद रामधारी खटकड़ जो हरियाणा के एक जाने-माने संस्कृतिकर्मी है और साथ ही नौजवान भारत सभा के सुनील मौजूद रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत क्रांतिकारी गीतों और रामधारी खटकड़ की रागनियों के साथ हुई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर नौभास के राष्ट्रीोय अध्यक्ष इंद्रजीत ने अपनी बात रख कर इस विषय पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंकने ने बताया कि आज के मौजूदा हालात में जब एक तरफ जनता बढ़ती बेरोजगारी, बेलगाम महंगाई, शिक्षा के निजीकरण, जातिवाद, सांप्रदायिक-कट्टरता आदि जैसे समस्याओं से जूझ रही है तब उस समय में तब उस दौर में आम जनता को असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनके सामने गैरजरूरी मुद्दे उछाले जा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस देश के लगभग 30 करोड़ लोग बेरोजगार है और रोजगार की दर साल दर साल घटती जा रही है। अगर हम केंद्र सरकार की बात करें तो आज लगभग 410550 पद खाली पड़े हैं प्राइमरी और अपर-प्राइमरी के अध्यापकों की करीब एक लाख से ज्या दा पद खाली पड़े हैं। वही पुलिस विभाग में लगभग साढ़े पांच लाख पद खाली हैं। देश के 47 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 6000 पद खाली पड़े हैं। 363 राज्य विश्वविद्यालयों में 63001 दिया है। वही जब हम स्वास्थ्य विभाग की बात पर आते हैं तो इस समय देश के 36 हजार सरकारी अस्पतालों में दो लाख से ज्यादा डॉक्टरों की पद खाली पड़े हैं और उसके अलावा 11,500 मनोचिकित्सकों के पद भी रख रिक्त पड़े हैं। वह नजर अगर भर्तियों पर डाली जाए तो 2016 में करीब 1,50,0000 अभ्यर्थियों ने SSC CGL की परीक्षा दी थी जिसमें 10661 का नौकरी के लिए चुनाव हुआ पर 5 अगस्त 2017 को नतीजा भी आया पर नियुक्ति के नाम पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसी प्रकार रेलवे में गैर तकनीकी पदों के हेतु 18000 की भर्ती का विज्ञापन आया था और परीक्षा प्रक्रिया के बीच में 4000 पदों को कम कर दिया गया । यह तमाम आंकड़े यह बात साफ करते हैं कि सरकार जानबूझकर नौकरियों के खाली स्थान है। उनको भरने की कोई कोशिश नहीं कर रही है नौकरी अगर निकाली भी जारी है तो उसी मुहावरे को चरितार्थ करती हैं कि ऊंट के मुंह में जीरा। साथी इंद्रजीत ने कहा कि आज के युवा आंदोलन को बुनियादी मुद्दों और आम जनता की जरूरतों के मस्सों पर केंद्रित होकर दोबारा से शुरू करने की जरूरत है। आज जब लोगों को जाति के नाम पर धर्म मजहब और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने की कवायद जारी है तो ऐसे में इस देश के नौजवानों को आगे आकर शहीदों की विरासत को आगे बढ़ाने के अपने कंधों पर लेना होगा। आगे कार्यक्रम के दौरान साथी रमेश में बात करते हुए बताया कि किस तरीके से सांप्रदायिक ताकतों ने देश में अपना जड़ जमाने का काम किया है और किस तरीके से वह लोगों को आपस में बांटने के लिए उनके सामने से असल मुद्दों को गायब कर देना चाहते हैं ये हमें समझने की जरूरत है साथ् ही रमेश ने सांप्रदायिक ताकतों के इतिहास के बारे में भी लोगों को अवगत कराया।
कार्यक्रम के अंत सेमिनार में मौजूद नौजवानों ने एक रैली के रूप में की। रैली नरवाना शहर में घूमती हुई अंत में शहीद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु की प्रतिमा के समक्ष समाप्त हुई यह नौजवानों ने यह संकल्प लिया कि क्रांतिकारियों की विरासत को आजादी के उनके ख्वाब को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी लेते हुए नौजवान भारत सभा अपने काम को आगे बढ़ाइए और जनता को शिक्षा रोजगार स्वास्थ्य आदि जैसे मुद्दों पर एकजुट करने का काम करेगी ।
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