हम देख्या जग सारा!..
- अशोक प्रकाश
हम सारी दुनिया देखते-देखते यहाँ पहुँचे हैं!..ईरान आर्यान है और क्राइस्ट कृष्णावतार!... हम सब जानते हैं। हमसे ज़्यादा जबान मत लड़ाना!...सो, जो बोलें सो सुनो!
जब घुट्टी में पिलाए गए धार्मिक प्रपंचों को सौ फीसदी झूठ पाकर भी हम दिन-रात उन्हीं की पूजा-अर्चना में लगे रहते हैं, अपने सारे कष्टों का कारण अपने कर्मों में और निवारण ऊपर वाले में देखते हैं तो किसी तर्क-वितर्क का हम पर असर नहीं पड़ने वाला!..
हम भक्तप्राण लोग हैं और अपने आराध्य हनुमानजी की कृपा से ही हमने सारी पदप्रतिष्ठा पाई है, ऐसा मानते हैं। हम भाग्यशाली हैं और भाग्य ने ही हमें सब कुछ दिया है। तुम भी परमपिता परमेश्वर की शरण में जाओ और मुसलमान हो तो बेनागा पांचों वक़्त नमाज़ पढ़ो, जिस लायक होओगे, ऊपर वाला देगा!...
जब उसकी मर्जी के बगैर पत्ता तक नहीं हिल सकता तो संविधान, अम्बेडकर, नेहरू, मोदीशाह सब उसी के बनाए हैं और उसी के इशारे पर अपना काम करते हैं!...हमें न तो किसी रोजी-रोज़गार की जरूरत है, न नौकरी-चाकरी की। ऊपर वाले ने जब मुंह दिया है तो शाम नहीं तो रात तक उसमें चारा भी डाल देगा। जब साँप बिच्छू सुअर नेवला सब जिंदा हैं तो हम भी प्रभुकृपा से वैसे ही जिन्दा रह लेंगे!...
जाओ, अब ज़ादा माथा मत खराब करो, नहीं तो त्रिशूल हम सजाने के लिए नहीं धारण किए हैं। एक मिनट में कालकवलित हो जाओगे, नहीं तो रोहिंग्या बन जाओगे!...
ऊँ श्री धन्द्वन्द्वन्द्वन्द्वन्ध्न्धन महाराज की जय!..
बच्चा, प्रसाद ले के जाना!
★★★
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