शिक्षा बचाओ रैली ...और लड़ाई जारी है! उच्च शिक्षा के निजीकरण और बाजारीकरण के खिलाफ 8000 से अधिक शिक्षक- छात्र- कर्मचारी एकसाथ सड़कों पर उतरे। दिनांक 16 फरवरी 2018 को "शिक्षा बचाओ रैली" में 8000 से अधिक संख्या में शिक्षक छात्र तथा कर्मचारियों ने मिलकर मंडी हाउस से मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला। इसमें विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) के बैनर तले डूकू ,डूसू, फेडकूटा, एआइफुक्टो के साथ साथ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इग्नू, पंजाब विश्विद्यालय, उत्तराखंड विश्विद्यालय के शिक्षक संगठनों के लोग भी शामिल हुए। इसके साथ ही आज की इस विशाल रैली में अलग अलग राजनीतिक दलों के राजनेताओं ने भी शामिल होकर अपना समर्थन दिया।आम आदमी पार्टी ,दिल्ली सरकार के विधायक संजीव झा, भाजपा नेता प्रवेश वर्मा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अमरजीत कौर, इंडियन नेशनल कांग्रेस से ऑस्कर फर्नांडिस एवं डॉ. किरण व
CONSCIOUSNESS!..NOT JUST DEGREE OR CERTIFICATE! शिक्षा का असली मतलब है -सीखना! सबसे सीखना!!.. शिक्षा भी सामाजिक-चेतना का एक हिस्सा है. बिना सामाजिक-चेतना के विकास के शैक्षिक-चेतना का विकास संभव नहीं!...इसलिए समाज में एक सही शैक्षिक-चेतना का विकास हो। सबको शिक्षा मिले, रोटी-रोज़गार मिले, इसके लिए जरूरी है कि ज्ञान और तर्क आधारित सामाजिक-चेतना का विकास हो. समाज के सभी वर्ग- छात्र-नौजवान, मजदूर-किसान इससे लाभान्वित हों, शैक्षिक-चेतना ब्लॉग इसका प्रयास करेगा.