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हारे हुए लोग

एक कविता~अकविता :                                                 ये हारे हुए लोग कभी अपनी हार नहीं मानते..   'निश्चित विजय' के लिए ये फिर-फिर अपनी कमर कसते हैं दुनिया के ये अजूबे लोग घटनाओं पर नहीं सिद्धांत पर भरोसा करते हैं किसी व्यक्ति की जगह सभ्यता के विकास के लिए जीते-मरते हैं... रक्तबीज हैं ये आधा पेट खा और कुछ भी पहनकर देश और दुनिया नापते हैं चिंगारी की तरह यहाँ-वहाँ बिखरे इन अग्निदूतों से दुनिया के सारे शासक काँपते हैं! अज़ीब हैं ये लोग कभी अपनी हार  नहीं मानते हैं पूरी दुनिया के जंगल पहाड़ खेत मैदान इन्हें पहचानते हैं प्राकृतिक रूप से खिलते फूल तितलियां भौंरे कीट हवाओं में तैरते दूर देश के  गीत संगीत इनके साथ  अमर-राग के सुर तानते हैं! अज़ीब हैं ये लोग! - अशोक प्रकाश                     ★★★★★★

क्या 'सरकार' का लोकतंत्र पर भरोसा है?

                       एक आपबीती!... यह कुछ समय पहले की घटना है! लेकिन कहीं न कहीं की यह क्या रोज़-रोज़ की घटना नहीं है?...ऐसा क्यों है? क्या 'सरकार' का लोकतंत्र पर भरोसा है? 'जब से डबल इंजन की सरकार देश और प्रदेश में आया है तब से मेरे ऊपर लगातार फर्जी मुकदमों का अंबार लगाया जा रहा है। आज 5:10 पर रावटसगंज चौकी से फोन आया कि आप तत्काल चौकी पर चले आओ कुछ बात करना है! मैंने जाने से इनकार किया! 2 घंटे बाद शाम 7:00 बजे मैं घर पर नहीं था तभी रावटसगंज कोतवाली के कोतवाल साहब अपने लाव लश्कर के साथ मेरे घर पर पहुंच गया! उस समय मैं घर पर नहीं था! मैं अपने इलाज के लिए गया था!  मेरे बच्चे और मेरे घर के दूसरे सदस्य मुहर्रम के त्यौहार के अवसर पर मोहल्ले में खिचड़ा का दावत था जहां मेरे घर के बच्चे गए हुए थे सिर्फ मेरे घर पर मेरी पत्नी नजमा खातून अकेले ही मौजूद थे लेकिन पुलिस वाले ने बिना आवाज दिए चुपचाप दरवाजा खोल कर घर में घुस गया मेरी पत्नी नजमा खातून बिस्तर पर सोई थी पुलिस वाले जब घर में पहुंचा पत्नी घबरा गई। पुलिस वाले से पूछने लगीं कि 'कोई महिला पुलिस आपके साथ नहीं है और आप बिना आवा

ऐसे ही होती है शुरुआत

                        एक नई शुरुआत:               मजदूरों, बेरोजगारों और किसानों ने                            दिखाई एकजुटता प्रेस विज्ञप्ति | 24 अगस्त 2023 ऐतिहासिक अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त सम्मेलन दिल्ली में आयोजित नई दिल्ली, 24 अगस्त 2023 - एकता और संकल्प के ऐतिहासिक प्रदर्शन में, आज नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच, जो देश भर के किसानों और मजदूरों का प्रतिनिधित्व करता है, द्वारा बुलाया गया था। सम्मेलन की शुरुआत 2014 के बाद से केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई आक्रामक कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों द्वारा उत्पन्न खतरनाक स्थिति को संबोधित करते हुए हुई। इन मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप राष्ट्र की अर्थव्यवस्था, एकता और अखंडता के लिए विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। सम्मेलन ने केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट-समर्थक और किसान-विरोधी नीतियों के कारण भारत में कृषि संकट पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में

आपका दुःख उनका दुःख नहीं!

        आपका दुःख उनका दुःख नहीं,                       उनका  सुख है! 16 दिन से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने आखिरकार अमरोहा सांसद महोदय  को अपनी दुःखद दास्तान सम्बन्धी पत्र लिखा। आख़िर वे जन प्रतिनिधि हैं। सांसद, विधायक इसीलिए चुने जाते हैं कि वे और कुछ न भी कर सके तो उनकी आवाज़ तो संसद-विधानसभा में उठाएं! इतने दिन से धरनारत रहने के बावजूद प्रशासन ने किसानों की फसल को नष्ट करके किसानों की तरफ देखा भी नहीं! कोई सुध नहीं ली! 16 दिन कम नहीं हैं किसानों की सुध लेने के लिए। आखिर वे लोक सेवक ही तो हैं! लेकिन न तो प्रशासन, न शासन और न ही जन-प्रतिनिधि अपने को वह समझते हैं जो वे हैं। शायद वे खुद को किसी राजशाही या अंग्रेजी-शासन जैसा कोई महानायक या सामन्त/राजा समझते हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो न इनके पास अकूत संपत्ति बटुरती, न जनता से खुद को अलग समझते! फ़िलहाल किसानों द्वारा सांसदजी को लिखा पत्र (सम्पादित) पढ़िए और समझिए कि देश का कौन-सा विकास किसकी कीमत पर हो रहा है! सेवा में, माननीय सांसद दानिश अली जी, लोकसभा-अमरोहा, उत्तर प्रदेश हम कुछ किसान लोग जोकि फरीदपुर सिंभावली

कल किसका नम्बर है?...

               'कब तलक लुटते रहेंगे?..'         जी, कल किसका नम्बर है?...आप नहीं जानते?...लेकिन सरकार जानती है, कॉरपोरेट जानता है! इस धरती पर वे अपना अधिकार समझने लगे हैं~ दुनिया के सबसे कामचोर लोग!..बड़े-बड़े शहरों के महलों में रहने वाले लोग! वे खेती की, जंगल की जमीन तय कर रहे हैं कि वह किसकी है!...नहीं, वे तय कर रहे हैं कि यह उनकी नहीं जो सदियों से यहाँ रहते आए हैं बल्कि यह उनकी है जो यहाँ कभी नहीं रहे, कभी नहीं रहेंगे! ये शहरिल्ला लोग सिर्फ़ जल, जंगल, जमीन का सत्त्व चूसना, उसका दोहन कर मुनाफ़ा कूटना जानते हैं। पुलिस-फ़ौज के बल पर ये लोग ऐसे हर व्यक्ति के खिलाफ़ हैं जो आदिवासियों, अपनी धरती पर सदियों से रहते आए समुदायों की बेदख़ली और प्राकृतिक क्षेत्रों को बरबाद करने वालों की चोरी और सीनाजोरी के विरुद्ध जन-जागृति पैदा करता है। कॉमरेड माधुरी भी उन्हीं में से एक हैं। पढ़िए और जानिए हक़ीक़त ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल (AIUFWP) की विज्ञप्ति के माध्यम से~ हम पुर ज़ोर तरीके से जे.ए.डी.एस JADS नेता माधुरी  पर हमले की निंदा करते है! ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल (AIUFW

यह देश किसका है?..

          मध्यप्रदेश में खनिज संसाधनों का भंडार                          एवं अडानी की लूट                                       - डा मिथिलेश कुमार दांगी              भारत के संविधान की धारा 39b पर गौर फरमाएं तो पाएंगे कि सभी भौतिक संसाधनों का असली मालिक समुदाय (community) है। इसकी पुष्टि करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले (सिविल अपील संख्या 4549/2000, थ्रेसमा जैकब बनाम भूगर्भ विभाग केरल ) में तीन जजों (माननीय आरएम लोढ़ा, जे चेलामेश्वर एवं मदन बी लोकुर ) की सम्मिलित बेंच ने यहां तक कह डाला कि इन खनिजों के असली मालिक जमीन मालिक ही हैं, सरकार नहीं । इसके अतिरिक्त संविधान की धारा 243 के विभिन्न भागों में यह भी वर्णित है कि ग्राम सभाएं और नगर सभाएं अपने विकास हेतु कार्यक्रम स्वयं तैयार करेंगी। इन धाराओं के विश्लेषण करने पर यह तथ्य उजागर होता है कि देश के तमाम भौतिक संसाधनों का स्वामित्व ग्राम सभाएं और नगर सभाएं हैं।          सरकारें तो हमारी ट्रस्टी हैं और ट्रस्टी को लोग अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए चुनते हैं। परंतु, दुर्भाग्य से ये सरकारें इन संसाधनों की मालिक बन बैठी हैं और बग

See CUET answer key here

                            कैसे देखें           CUET Answer Key? सीयूइटी #cuet #answerkey अब वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर आ चुका है! जो विद्यार्थी बेसब्री से इसका इंतज़ार कर रहे हैं, उन्हें अब अपनी #उत्तरकुंजी देखकर पूरे #परीक्षापरिणाम के लिए तैयारी करें।   ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency) ने गत 14 मई, 2023, सोमवार को विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के प्रवेश हेतु  आवश्यक परीक्षा की प्रारम्भिक तिथियां  घोषित कर परीक्षा करवाई थी! इसके बाद से ही #students को इसके परिणाम का इंतज़ार था। Answer Key पाने के लिए निम्नलिखित तरीके से आप सही तरीके से अपना उत्तर देख सकते हैं। 1. सबसे पहले वेबसाइट cute.samarth.ac.in पर जाएं। शुरुआत में सर्वर डाउन होने की वज़ह से आपको 504 gateway time out दिखाई दे सकता है, लेकिन दो-तीन बार थोड़ी-थोड़ी में वेबसाइट पर जाने से वेबसाइट खुल जाएगी। 2. वेबसाइट खुलने के बाद दो तरीके से आप अपनी #answerkey देख सकते है! एक: answerkey tab खोलकर लॉगिन करें या दो: login option से इसे खोलें 3. लॉगिन करने के लिए application number और जन्मतिथि डालें। 4. अपना